उदयपुर। झील क्षेत्र में सीवरेज लाइनो का नियमित परिक्षण आवश्यक है। निगम नियमित अंतराल पर सीवरेज लाइनो एवं पम्प हाउसो की सघन जांच करे तथा निरिक्षण रपट को सार्वजनिक करे। यह सुझाव झील मित्र संस्थान ,झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वावधान में आयोजित श्रम संवाद में दिए गए।
तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि सीवरेज लाइनो के बहाव में रुकावट से मल मूत्र झील जल व भू जल में रिस्ता है तथा भयंकर प्रदुषण करता है। पिछोला क्षैत्र में सारे हेंड पम्प , ट्यूब वेल व बावड़ियां प्रदूषित हो चुके है। डॉ अनिल मेहता ने कहा कि एक सु व्यवस्थित निगरानी व्यवस्था ,सीवरेज सफाई हेतु आवश्यक संसाधन युक्त टीम तथा मरम्मत टीम से ही सीवरेज लाइनो को दुरस्त रखा जा सकता है। नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि पिछोला में प्रदुषण सीवरेज लाइनो में टूट फूट , अनियमित सफाई की समस्याओ पर नागरिको की जागरूकता व सजगता से ही निजात पाया जा सकता है । प्रशासन को नागरिक सजकता का सम्मान कर तुरंत जिम्मेदारी निर्वहन की पहल करनी चाहिए।
इस अवसर पर पिछोला के बारीघाट पर झील मित्र संस्थान ,झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वावधान में आयोजित श्रमदान द्वारा झल क्षैत्र से खरपतवार,प्लास्टिक, पोलिथिन, शराब की बोतले व अन्य सामग्री निकाली गयी। श्रमदान में मोहन सिंह चौहान,रमेश चन्द्र राजपूत ,राम लाल गेहलोत,ललित पुरोहित,हरीश,दुर्गा शंकर पुरोहित,कुलदीपाल पालीवाल,जगदीश राजपूत,गरिमा, भावेश,रिद्धेष , दीपेश, हर्षुल, प्रियांशी,अजय सोनी, नितेश सिंह कच्छावा व तेजशंकर पालीवाल ने भाग लिया।