उदयपुर। ठंड से बचने के लिए कमरे में एक तगारी में जला रखे अलाव से बनी गैस से तीन बच्चों की दम घुटने से मौत हो गई। सूचना पर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया भी मुर्दाघर गए और मृतकों के पिता को सांत्वना दी।
मिली जानकारी के अनुसार भुपालपूरा थाना क्षेत्र के देवरे वाली गली अलीपुरा निवासी भंवरलाल गमेती अपनी पत्नी ममता, बच्ची अंजली, पुत्र करण (12), सचिन (10), गिरिश (8) के साथ बुधवार रात्रि को घर के बाहर ही आंगन में एक तगारी में अलाव जलाकर ताप रहा था। रात्रि को सचिन तगारी में जल रहे अलाव को अपने साथ कमरे में लेकर गया और कमरे में एक लकड़ी के स्टूल पर रखकर होमवर्क करने लगा। होमवर्क करते-करते सचिन सो गया। कुछ देर बाद दोनों बच्चे करण और गिरिश भी आए और सचिन के पास सो गए। भंवरलाल गमेती, इसकी पत्नी ममता और बच्ची अंजली तीनों पास वाले कमरे में सो गए। अलाव के कारण तप रही तगारी के चलते स्टूल भी धीरे-धीरे जलने लगा और कमरे में धुआं ही धुआं हो गया। धुएं से हुई गैस के कारण तीनों बच्चों की दम घुटने से मौत हो गई। सुबह साढ़े छह बजे भंवरलाल गमेती उठा और अपने बड़े बच्चे करण को दूध लाने के लिए उठाने लगा तो करण हिला तक नहीं और उसके मुहं से झाग निकल रहे थे। उसने शोर मचाया तो मौके पर आस-पास के लोग एकत्रित हो गए। लोगों ने तीनों बच्चों को तत्काल एमबी चिकित्सालय में लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर थानाधिकारी चांदमल, डिप्टी सौभाग्यसिंह भी मौके पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल भी पहुंच गए। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया और उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा भी मुर्दाघर में पहुंच गए। गृहमंत्री कटारिया ने बच्चों के पिता को सांत्वना दी और मौके पर मौजूद अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर ओपी बुनकर को बच्चों के पिता को मुख्यमंत्री सहायता कोष से हाथों-हाथ 50-50 हजार रूपए की सहायता देने के लिए निर्देश किया। इसके बाद बच्चों का पोस्टमार्टम करवाया गया और शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।