पहले दिन स्टोन इंडस्ट्री के विविध आयामों पर चर्चा
उदयपुर। स्टोन इंडस्ट्री को विश्वय पटल पर पहचान दिलानी है तो नई तकनीक के साथ कदमताल करना होगा। सूचनाओं को साझा कर अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरना होगा। तकनीकी महारथ हासिल करने के बाद वेस्ट मैनेजमेंट और वेस्ट के बेस्ट यूज पर भी ध्यान देना होगा।
ये विचार सेंटर फॉर डवलपमेंट ऑफ स्टोन-सीडाँस, फिक्की और रीको की ओर से यूसीसीसीआई सभागार में गुरूवार को शुरू हुई दो दिवसीय इंटरनेशनल स्टोन टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस में उभर कर आए।
इस उद्योग की सभी कड़ियों को जोड़ते हुए सभी स्तरों पर साझा प्रयास होंगे तो हम चीन और इटली जैसे दिग्गजों से मुकाबला कर सकंेगे। हमारे पास न संसाधनों की कमी है, न मैनपावर की। आवष्यकता है तो बस बदलते दौर में खुद को लगातार बदलने की। रिसर्च पर ज्यादा फोकस करें, नए प्रयोगों को खूब सराहें और सम्मानित करें और गुणवत्ता में कोई कमी न रखें।
इस अवसर पर विभिन्न सत्रों में देष-दुनिया के वक्ताओं ने शोधपरक तथ्यों के आधार पर स्टोन इंडस्ट्री के नए आयामों तथा उसकी दषा व दिषाओं पर मंथन किया। कॉन्फ्रेंस में दक्षिणी राजस्थान सहित देशभर की मार्बल मंडियों के उद्यमियों ने शिरकत की। उन्होंने विशेषज्ञों से चर्चा करके उद्योग को नए आयाम दिलाने का संकल्प किया।
राजस्थान के खान निदेशक डीएस मारू ने कहा कि राजस्थान में 2200 मार्बल माइंस हैं जिन पर कुल 2300 गेंगसा लगे हैं। इतनी बड़ी इंडस्ट्री में स्किल इंडिया को ध्यान में रखते हुए ग्रेनाइट, सेंड स्टोन, मार्बल व अन्य सभी पत्थरों में वेल्यू एडिषन कर नए बाजार डवलप किए जाएं। इसके अलावा वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस करना जरूरी है। नई तकनीक के प्रयोग से गुणवत्तायुक्त ईंटें बनाने में थर्मल राख बनाने के बाद आज वेस्ट थर्मल राख को लेने के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ती है। सीडोस चेयरमैन आरके गुप्ता ने कहा कि बदलते दौर में हम सभी चुनौतियों का सामाना करने में सक्षम हैं। हम सब मिल कर पत्थर उद्योग को नई उंचाइयों पर ले जा सकते हैं। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स ऐसोसिएषन के अध्यक्ष शरत कटारिया, उदयपुर मार्बल एसोसिएषन के अध्यक्ष रोबिन सिंह, सीडोस के वाइस चेयरमैन अषोक कुमार धूत, फिक्की के डिप्टी सेक्रेटरी विनय माथुर ने विचार व्यक्त किए।
आज सीई-मार्किंग पर चर्चा
दुनिया की नामी ऑनलाइन कंपनी चीन की अलीबाबा डॉट कॉम के डायरेक्टर मैनेजमेंट क्रिस वांग शुक्रवार को कॉनफ्रेंस में स्टोन के ऑनलाइन मार्केट के बारे में बताएंगे। सीईओ प्रोनिल टेक्नोलॉजी मृगुल सोमपुरा प्रोसेसिंग में नैनो टैक्नोलॉजी के बारे में बताएंगे। इसके अलावा मार्बल व ग्रेनाइट क्वेरीज के लिए उपयुक्त ब्लॉक हैण्डलर, स्टोन क्राफ्ट इंडस्ट्री में सीएनसी मषीन के प्रयोग व सीई-मार्किंग पर चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि यूरोपियन यूनियन से स्टोन का व्यापार करने के लिए अब सीई-मार्किंग मानकों की अनुपालना जरूरी है। बिना इस सर्टिफिकेट के व्यापार सम्भव नहीं हो सकेगा। सी मार्किग के लिये 27 तरह के टेस्ट किए जाते हैं। उनका पूरा चरणबद्ध रिकॉर्ड भी बताना पडता है। सीडाँस ने भारत सरकार से एक्रीडीएटेड स्टोन टेस्टिंग लैब स्थापित की है।
इन्हें मिला सम्मान
उद्घाटन सत्र में आल इंडिया स्टोन आर्किटेक्चुरल अवार्ड (एआईएसएसए) भी आर्किटेक्ट्स को प्रदान किए गए। उल्लेखनीय है कि सीडॉस प्रत्येक वर्ष देष के आर्किटेक्ट्स से विभिन्न केटेगरीज में प्रविष्ठियां आमंत्रित करता एक्सटीरियर, इंटीरियर, लैण्डस्केपिंग व ग्रीन आर्किटेक्चर में इनोवेटिव तरीके सो उत्कृष्ठ प्रयोग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 8 आर्किटेक्ट्स को सम्मानित किया गया। इनमें अमृता रेगीना बलाल व आर्किटेक सुदित्या सिन्हा नई दिल्ली को ज्वाइंट विन्टर इन एक्सटीरियर फेसिंग, पंकज वीर गुप्ता को ज्वाइंट विन्टर इन एक्सटीरियर फेसिंग, आर्किटेक कमल एस मलिक को कमेंडेषन इन एक्सटीरियर फेसिंग, आर्किटेक संदीप खंडेलवाल को इंटीरियर डिजाइनिंग, आर्किटेक सूरज काथे, लैण्ड स्केपिंग, आर्किटेक वंदना बब्बर कमेंडेषन इन लैण्डस्केपिंग, आर्किटेक पार्थ उदय शाह, कमेंटेषन इंन ग्रीन आर्किटेक्च्यूअर, आर्किटेक सीजो सायरिक बेंगलूरू, अकोमोडेषन इंन ग्रीन आर्किटेक्चर को अवार्ड मिला। विभिन्न श्रेणियों में नकद पुरस्कार, सम्मान पत्र व ट्रॉफी प्रदान किए गए।