खुदरा खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन प्रारम्भ
उदयपुर। भारत में देश की आधी जनसंख्या करीब 60 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में खुदरा कारोबार या उनके सहयोगी के रूप में जुड़े हुए है। जिनमें 6 करोड़ खुदरा व्यापारी, 12 करोड़ उनके सहयोगी तथा शेष लोग अपने कर्मचारी परिवार है। इतनी बड़ी संख्या में होने के बावजूद यह वर्ग असंगठित है और इसी कारण इस वर्ग पर सरकार की नजर नहीं जाती न हीं सरकार द्वारा खुदरा व्यापारियों के लिए कोई राहत का पैकेज उपलब्ध कराया गया है।
उक्त उद्बोधन ऑल इण्डिया रिटेलर्स फैडरेशन के अध्यक्ष ओमकार गोयल ने श्री खुदरा खाद्य पदार्थ व्यापार संघ द्वारा जवाहर नगर स्थित सिंधु भवन में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तरीय अधिवेशन मे प्रथम दिन मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। गोयल ने कहा कि सरकार वैट के स्थान पर नया टैक्स बिल जी.एस.टी. लाने की तैयारी में है, इस पर फैडरेशन सरकार से यह मांग करता हैं कि खुदरा व्यापारियों को इस जी.एस.टी. से मुक्त रखा जायें। पेट्रोल, बिजली, तंबाकू, शराब के उपर राज्य सरकार को अपने स्तर पर टैक्स लगाने की छूट ना दी जाये,अन्तर्राज्यीय व्यापार में जी.एस.टी. पर कोई सरचार्ज ना हो और जी.एस.टी. के तहत टैक्स की दर कम से कम एवं 15 प्रतिशत से ज्यादा ना हो।
राजस्थान प्रदेश खुदरा संघ के अध्यक्ष रामविलास जैन ने कहा कि सरकार पॉलीथीन को बन्द करने की बात करती हैं लेकिन सरकार के ही कई प्रोडक्ट पॉलिथीन में ही आते हैं उन पर कभी बात नहीं करती। सरकार को चाहिये की पॉलीथीन बन्द करने की बजाय इसके निस्तारण के लिए ठोस कदम उठाये। समस्या पॉलिथीन की नही वरन् उसके निस्तारण की है। उन्होंने कहा कि एफ.एस.एस.ए.आई. के तहत लाईसेंस केवल विनिर्माताओं तथा पैकर्स को जारी किया जाये। खुदरा व्यापारियों के लिए लाईसेंस या पंजीकरण प्रतिवर्ष नवीनीकरण करवाने की बजाय केवल एक बार जारी किया जाये। जब तक एएसएसआई मे संशोधन ना हो तब तक पंजीकरण की तारीख को बढ़ाया जाये।
अधिवेशन मे संघ के राजस्थान महामंत्री श्यामलाल मामोडिया ने कहा कि हमें संगठित हो कर भ्रष्टाचार को खत्म करना होगा। श्री खुदरा व्यापार संघ उदयपुर के अध्यक्ष तुलसीराम अग्रवाल ने कहा कि खुदरा व्यापारीयों की एक बड़ी संख्या भारत के विकास के लिए अपने स्तर पर कार्य कर रही हैं लेकिन संगठित नही होने के कारण सरकार हमारी बात को नही सुनता और ना ही हमारे हितों के लिए कोई कदम ही उठाता हैं, इसलिए यह आवश्यक हो गया हैं कि खुदरा व्यापारी भी संगठित होकर अपनी शक्ति का अहसास सरकारों को कराये और अपने हक के लिए चाहे वह जी.एस.टी. बिल हो , चाहे एफ.एस.एस.ए.आई., चाहे लाईसेंस की प्रक्रिया इन सभी में खुदरा व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बिल बनाये जाये।
अधिवेशन मे राष्ट्रीय एवं प्रदेश के खुदरा व्यापारी संघ के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। मुख्य रूप से जीएसटी बिल, एफएसएसएआई, लाइसेंस प्रक्रिया में जटिलता, फूड सेंपलिग की समस्या जैसी कई समस्याओं को विभिन्न प्रान्तो से आये पदाधिकारियों ने रखा। अधिवेशन के दूसरे दिन खुले सत्र का आयोजन किया जायेगा जिसमे खुदरा व्यापारियों की समस्याओं पर समाधान के लिए चर्चा होगी एवं जो भी मसौदा तैयार होगा उसे सरकार को प्रस्तुत कर खुदरा व्यापारियों के हितार्थ रणनीति तैयार की जायेगी।