रविवार को मेले उमड़ी भीड़
उदयपुर। आपने सुना है कि अहिंसक लेदर के भी जूते बनते है, सही है। ये वे जूते होते है जिन्हें जानवर की नेचुरल डेथ होने पर उनकी चमड़ी से तैयार किये जाते है। हाथ से बनने वाले ये जूते कम्पनी के जूतों से काफी किफायती एवं मजबूत होते है।
आदिम जाति सेवक संघ जयपुर की ओर से टाऊनहॉल में आयोजित की जा रही खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में ग्वालियर से आये दलित वर्ग खादी ग्रामोद्योग संस्था से चर्म उत्पाद बनाने वाले रवि ने बताया कि 20 प्रतिशत छूट पर उपलब्ध चर्म के ये हर उत्पाद स्थानीय जनता को आकर्षित कर रहे है। खुद का मेन्यूफेक्चर करने वाली इस संस्था की इस स्टॉल पर जेन्ट्स, लेडिज एंव 10 वर्ष तक से ऊपर की आयु वाले बच्चों के लिए जूते, चप्पल, सेन्डिल,आदि उपलब्ध है।
मेले में ही हर्बल मेहन्दी की स्टॉल लगाने वाले इन्दिरा टांक गृह उद्योग की इन्दिरा टांक ने बताया कि इस स्टॉल पर शुद्ध हर्बल तरीके से तैयार मेहन्दी बालों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पंहुचाती है। यह मेहन्दी पूर्णतया एक सौ प्रतिशत केमीकल,डाई एवं कलर फ्री है। स्टॉल पर हर्बल फेस पैक भी उपलब्ध है।
उपनिदेशक खादी प्रकाशचन्द्र गौड ने बताया कि 15 दिवसीय मेले से पूर्व अंतिम रविवार होने के कारण रविवार को मेले में भीड़ उमड़ पड़ी। मेले की बिक्री 1 करोड़ 65 लाख पार कर गई। मेलार्थियों ने सर्दी से बचाव के लिए कपड़े, शॉल आदि खरीदने में रूचि दिखाई।