डॉ. केआर शर्मा ने किया शोध
उदयपुर। अगर आपकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा है और आप बार बार सर्दी-जुकाम, हाथ-पैरों, कमर, शरीर में दर्द, कमजोरी एवं अन्य सामान्य शिकायत हो रही है तो हो सकता है आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो। यह कहना है पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल के मेडिसिन विभाग के असिस्टेन्ट प्रोफेसर डॉ. केआर शर्मा का।
विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारिओं पर आज पीएमसीएच में एक वर्कशॉप हुई। डॉ. शर्मा ने बताया कि विटामिन डी शरीर का अति महत्वपूर्ण विटामिन है जो शरीर के जोडों, मांस-पेशियों के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता एवं कई महत्वपूर्ण अंगों एवं क्रियाओं में सक्रिय भूमिका निभाता है।
पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बीएस बम्ब ने बताया कि विटामिन डी पर इस तरह का यह शोघ कार्य राजस्थान में पहली बार डॉ. केआर शर्मा ने किया है। डॉ. बम्ब ने बताया कि इस शोघ कार्य में डॉ. शर्मा ने 700 से अधिक विभिन्न आयु वर्गो के व्यक्तियों में विटामिन डी की कमी, उसके कारण एवं निवारण पर विस्तृत जानकारी ली तथा 204 ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया जिनकी आयु 50 साल से अधिक थी। डॉ. शर्मा ने परिणामों का विष्लेषण करने पर पाया कि हर चार व्यक्तियों में तीन में विटामिन डी की भारी कमी है इनमें पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में 64 फीसदी तथा ग्रामीण क्षैत्रों में रहने वाले व्यक्तियों के मुकाबले शहरी क्षैत्रों में 90 फीसदी तथा मांसाहारीयों के मुकाबले शाकाहारियों में 93 फीसदी विटामिन डी की कमी पाई जाती है। अगर इसकी कमी-पूर्ति यदि समय समय पर की जाए तो वृद्धावस्था में होने वाले हड्डियों के फ्रेक्चर, प्रतिरोघक क्षमता एवं नए रोंगों के होनें को काफी हद तक रोंका जा सकता है। डॉ. केआर शर्मा ने बताया कि इस विटामिन का मुख्य स्त्रोत सूर्य है अगर कोई व्यक्ति प्रातः 10 से दोपहर दो बजे तक धूप सेवन करे तो हमारी त्वचा निर्धारित मात्रा में विटामिन डी का उत्पादन कर सकती है। यह शोध कार्य पीएमसीएच के मेडीसन, अस्थि रोग, फिजियोलॉजी एवं बायोकेमिस्ट्री विभाग के संयुक्त सहयोग से किया गया। विटामिन डी की कमी की कमी के कारणों में बढ़ती उम्र में घर से बाहर कम निकलना, पाचन क्रिया का मन्द होना, त्वचा के नीचे चर्बी का घटना, लीवर व गुद्रौ द्वारा विटामिन डी को कम सक्रिय करना है।