लघु व कुटी उद्योग, बंधेज प्रशिक्षण समारोह
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय के अन्तर्गत संचालित कानपुर स्थित जनभारती केन्द्र पर सोमवार को लघु एवं कुटीर उद्योग, बंधेज, प्रशिक्षण समारोह में कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने ग्रामीण महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि दक्षता एक कला है और वह संप्रेक्षण के माध्यम से पाई जाती है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य के संर्वागीण विकास के लिए शिक्षा के साथ साथ रोजगारोन्मुखी से जोडना भी जरूरी है क्योकि शिक्षा का मूल उद्देश्य मनुष्य की आत्मा और उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व को निखारना और अभिव्यक्ति के लिए समर्थ बनाना है। साथ ही शिक्षा व प्रशिक्षण का उद्देश्य साक्षर व प्रबुद्ध नागरिक बनाते हुए कोशल विकास द्वारा लघु उद्योग द्वार जिविकोपार्जन के लिए तैयार करना है। कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा प्राप्त करना ही महत्व नहीं रखता उसके लिए व्यक्ति को किसी न किसी क्षेत्र में दक्ष होना आवश्य है जिससे वह आत्म निर्भर बन सकें। निदेशक डॉ. मंजू मांडोत ने बताया कि कानपुर जनभारती केन्द्र पर 30 महिलाएं बंधेज व बुनाई का प्रशिक्षण व 40 गा्रमीण महिला कम्प्यूटर एवं सिलाई का प्रशिक्षण लेकर इस जीवट से आत्म निर्भर बन रही हैं। व्यवस्थापक हीरालाल चौबीसा ने बताया कि मेवाड के सुदूर ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण महिलाओं को रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम से से जोडकर जागरूकता ला रही है। संचालन बालकृष्ण शुक्ला ने किया जबकि धन्यवाद प्रवीण सिसोदिया ने दिया।
छात्र छात्राओं ने जाना मेवाड़ का इतिहास : जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के छात्र छात्राओं को उदयपुर अंचल के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करा उन्हे इतिहास की जानकारी दी गई। प्रभारी प्रो. मुक्ता शर्मा ने बताया कि सभी छात्रों को मेवाड़ के सज्जनगढ़, बॉयोलोजिकल पार्क, मोती मंगरी, प्रताप गौरव केन्द्र, सिटी पैलेस, बागोर की हवेली, जंगल सफारी पार्क, सहेलीयो की बाड़ी का भ्रमण करा मेवाड़ के इतिहास, रीति रिवाज, रहन सहन एवं खान पान के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर प्रो. हेमेन्द्र चण्डालिया व डॉ. महजबीन सादडीवाला ने इतिहस की जानकारी दी।