उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित मासिक नाट्य संध्या रंगशाला में नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एंड परफोर्मिंग आर्ट्स के कलाकारों ने विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित नाटक कमला का मंचन किया।
अमित श्रीमली निर्देशित नाटक ‘कमला’ ऐसी लड़की पर आधारित है जिसे एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत खरीद कर लाता है। पत्रकार उस औरत को बतौर सबूत पेश करते हुए यह दिखाना चाहता है कि आधुनिक समाज में आज भी औरतों की खरीद फरोख्त होती है। वो सरकार जो कमियों का पर्दाफाश करना चाहती है, जो इस तरह की बातो को बढ़ावा देती है लेकिन सारी बातें साबित करने में पत्रकार नारी के मान-सम्मान की धज्जियां उडा देता है। कामयाबी के नशे में भूल जाता है कि उसकी इस अमानवीय हरकत से सभ्य समाज के आधुनिक परिवेश पर क्या प्रभाव पड़ेगा। साथ ही उसे इस बात का ख्याल भी नहीं रहता कि नारी उपयोग या उपभोग की वस्तु नहीं बल्कि जीता जगता इन्सान है।
नाटक में जहां एक तरफ आधुनिक पत्रकारिता पर भी सवाल उठाए गए है कि किस तरह आज का युवा वर्ग सफलता पाने की चाह में मानवता को भूलता जा रहा है, वहीं दूसरी और नारी की वास्तविक स्थिति का चित्रण भी किया गया है कि आज के समय में भी स्त्री का स्थान गुलाम से कुछ ज्यादा ऊपर नहीं है।
नाट्यांश की इस प्रस्तुति में मंच पर कमला के किरदार में देवप्रभा जोशी, जयसिंह जाधव के किरदार में अमित श्रीमाली, सरिता के किरदार में रेखा सिसोदिया, काकासाहेब के किरदार में अब्दुल मूबिन खान, जैन के किरदार में श्लोक पिम्पलकर व कमलाबाई के किरदार में निधि पुरोहित ने अभिनय से नाटक का भावपूर्ण सन्देश दर्शकों तक पहुँचाया। नाटक के मुख्य निर्माण प्रबंधक मो. रिज़वान मंसूरी ने बताया की संगीत चयन अब्दुलूमुबिन खान एवं संयोजन अखिल नायर ने किया। प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन शहज़ोर अली (जयपुर) ने की। मंच व्यवस्था अरुण जैन और मंच प्रबंधक अशफाक़ नूर खान थे। मंच सज्जा महेंद्र डांगी व रतन सेठीया ने की व मंच सहायक में थे श्याम बिहारी यादव, परख जैन, आयुष माहेश्वरी व राहुल शुक्ला, वेशभूषा चयन योगिता सिसोदिया और रूप सज्जा में नेहा पुरोहित व प्रियांगी कपूर थे।