उदयपुर। बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती का जन्म हुआ इसलिए बसंत पंचमी का दिन विद्या जयंती के नाम से भी जाना जाता है। मां सरस्वती की पूजा अर्चना वंदन करने से ज्ञान की ज्योति प्रज्जवलित होती है इसलिए मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है।
ये विचार शुक्रवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के उदयपुर स्कुल ऑफ सोशल वर्क के प्रांगण में स्थापित सरस्वती की मूर्ति की पूजा-अर्चना करने बाद प्राचार्य डॉ. मंजू मांडोत ने कही। उन्होने छात्र छात्राओं का आव्हान किया कि प्रातः उठ मां सरस्वती को अवश्या याद करना चाहिए। इस दिवस को मौसम परिवर्तन का दिवस भी कहा जाता है। इस दिवस से पेड़ों से पत्ते गिरने शुरू हो जाते हैं एवं नये पत्ते पुनः आने लगते हैं। विद्यापीठ के कार्यकर्ताओं द्वारा मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर पंडित हीरालाल चौबीसा द्वारा सभी से पूजा अर्चना करवाई गई। इस अवसर पर डॉ. वीणा द्विवेदी, डॉ. अवनीश नागर, डॉ. सीता गुर्जर, डॉ. नवलसिंह, कुंजबाला षर्मा, कृष्णजकांत नाहर, चितरंजन नागदा, दिनेश तिवारी, बाल कृश्ण शुक्ला, राजकुमार शर्मा सहित आस पास की महिलाओं ने भी मां सरस्वती को याद किया।