उदयपुर। स्वंय सेवी संस्था माँ माई एंकर फाउण्डेशन नई दिल्ली द्वारा ग्रामीण बच्चों की क्षमता निर्माण के लिए एक अनूठी पहल के तहत अपने सीएसआर परियोजना के पहले चरण के सफलतापूर्वक समापन होने पर सीसारमा गांव के सामुदायिक केंद्र में समारोह आयोजित किया गया। जिसमें सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूर्ण करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हें अभिप्रेरित किया गया।
इस अवसर पर माँ माई एंकर फाउंडेशन की अध्यक्षा श्रीमती सुष्मिता शेखर ने बताया कि ग्रामीण बच्चों में अंग्रेजी बोलने का निरन्तर अभ्यास कराने हेतु तैयार किये गये पाठ्यक्रम व हाउसकीपिंग पाठ्यक्रमों का आयोजन डेसिकेंट रोटर्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटिड नई दिल्ली के सीएसआर परियोजना के तहत किया गया। प्रथम चरण में दो पाठ्यक्रमों को मार्च 2015 से मई 2015 तक 3 माह की अवधि का अंग्रेजी बोलने का पाठ्यक्रम और 2 महीने की अवधि का हाउसकीपिंग पाठ्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें 25 से अधिक छात्रों को रोजगार के अवसर सुधारने के लक्ष्य से प्रशिक्षण दिया गया।
द्वितीय चरण में अंग्रेजी बोलने का चार माह का पाठ्यक्रम अक्टूबर से जनवरी 2016 तक चलाया गया जिसमें लगभग 30 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया। गांव गोरेला में बोली जाने वाली अंग्रेजी का चार महीने का पाठ्यक्रम फरवरी 2016 से आयोजित किया जा रहा है। सुश्मिता शेखर ने डेसिकेंट रोटर्स का समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा की यह एक महत्वपूर्ण पहल है जो सीधे देश के नागरिकों के भविष्य की आजीविका को प्रभावित करेगा। उन्होंने डेसिकेंट रोटर्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के कारपोरेट मामलों की उप प्रधान श्रीमती सोनाली दत्ता से उदयपुर के लोगों का समर्थन करने के लिए अनुरोध किया।
श्रीमती दत्ता ने शिक्षकों और माँ माई एंकर फाउंडेशन के कौशल सीखने में बच्चों की मदद करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छात्रों को अतिरिक्त कौशल सिखाना या संचार की भाषा सिखाना उन्हें अपने व्यवसायिक जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यन्त आवश्यक है। छात्रों को योग्यता का प्रमाण पत्र श्रीमती सोनाली दत्ता और श्रीमती सुश्मिता शेखर द्वारा दिए गए। इस व्यवसायिक प्रशिक्षण में शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनकी सराहना की गयी। अन्य लोगों में भैरोलाल, शैलेष जुडान, मेघा जॉन, मुनीरा शमशीर अली, महमूद अख्तर व गोरेला गांव स्कूल के प्रधानाचार्य यशवंत शर्मा भी उपस्थित थे।