राजस्थान विद्यापीठ में पीएचडी कोर्स वर्क प्रारंभ
उदयपुर। कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने पीएचडी शोधार्थियों का आव्हान किया कि वे अपने विषय की नवीनतम शोध परक जानकारी रखें। छात्र नवीन शोध ग्रामीण परिवेश को केन्द्र बिन्दु मानते हुए करे तभी इसकी सार्थकता सिद्व हो पायेगी।
वे बुधवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित पीएचडी शोधार्थियों के कोर्स वर्क के आरंभ पर बुधवार को विश्वविद्यालय के प्रतापनगर स्थित सभागार में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज वैश्वीकरण के युग में ज्ञान का विस्फोट हो रहा है। हम उसको प्राप्त करके ही अपने विषय की अभिकृति बन सकते है। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना होगा यह तभी हो सकता है जब हमारे विश्वविद्यालय के शोध कार्य को प्रोत्साहन देंगे तभी हम भारत विश्व के 100 विश्वविद्यालयों में शामिल हो पाएंगे। इस हेतु नालंदा, तक्षशिला, गुरुकुल, जैसे विश्वविद्यालयों जैसी शिक्षा पद्वति का अनुसार करना होगा जहां से नागदार्जुन आर्यभटृ, चरक, कणाद, बोद्वयन, वराह मिहीर जैसे बड़े विद्वान ने भारत की उच्च शिक्षा को कोने-कोने तक पहुंचाया। मुख्य अतिथि प्रो. आरपी श्रीवास्तव कहा कि वर्क शॉप में शोधार्थियों को शोध पद्धति, शोध प्रारूप तैयार करने की वैज्ञानिक पद्धति, कम्प्यूटर एवं इन्टरनेट उपयोगिता आदि का ज्ञान कराया जाये। पीजी डीन प्रो. प्रदीप पंजाबी ने प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए कोर्स वर्क की जानकारी दी। संचालन डॉ. पारस जैन ने किया । धन्यवाद डॉ. धीरज प्रकाश जोशी ने दिया। इस अवसर पर युवराज सिंह राठौड़, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. प्रकाश शर्मा सहित विभाग के डीन एवं डायरेक्टर उपस्थित थे।