अब नहीं जाना होगा अंचल के वांशिदों को प्रत्यारोपण के लिए मुंबई और अहमदाबाद
उदयपुर। उदयपुर अंचल के वाशिंदों को सम्पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण के लिए मुंबई और अहमदाबाद जैसे शहरो में इलाज के लिए जाने की जरुरत नही होगी। शहर के न्यू भूपालपुरा इलाके में 1 मई से शुरू हुए 15 बेडेड सुधा ऑर्थोपेडिक व गायनिक हॉस्पीटल में सम्पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण अत्याधुनिक तकनीकों के साथ सुलभ हैं।
हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि हीपा फिल्टर और लेमीनर फ्लो सुविधायुक्त मॉडूलर आँटी, डिजिटल एक्स-रे, एडवांस फिजियो थैरेपी सेन्टर के साथ फुल रीहेबिलिटेशन सेंटर के अलावा जर्मनी और कोरियन देशों से आयतित अत्याधुनिक तकनीकें यहाँ आने वाले मरीजों को विश्वस्तरीय सुविधा मुहैया कराती हैं। डॉ. अग्रवाल ने साफ किया सेंटर पर प्रत्यारोपण में एटयून न्यू इंप्लांट किया जाता हैं जो बेहतर मूवमेंट के साथ जल्द रिकवरी और जाँइंट की लंबी आयु प्रदान करता है। दरअसल एटयून न्यू इंप्लांट पोली एंटी आँक्सीडेंट प्लास्टिक से निर्मित हैं। इसके अलावा गायनिक सेक्टर में लेप्रोस्कोपी सुविधा, सात ही गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व फिजियोथैरेपी (एक्सरसाइज) की सुविधा उपलब्ध हैं ताकि सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया जा सके। सेंटर पर आईवीएफ को लेकर रिसर्च वर्क किया जा रहा हैं जिससे आने वाले समय में निसंतान दंपतियों को भी खुशी दी जा सकेगी।
यूके से आये प्रख्यात ऑर्थोप्लास्टी सर्जन प्रो. फिलिप हर्टज ने कहा कि सुधा ऑर्थोपेडिक व गायनिक हास्पीटल में मौजूद सुविधाएं यूके और यूएस में मिलने वाली सुविधाओं के बराबर की हैं।
डॉ. मनीष अग्रवाल (निदेशक) : चिकित्सालय के निदेशक और मशहूर ज्वाबइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल पिछले 13 वर्षों से क्षेत्र में सेवाँए दे रहे हैं। डॉ. अग्रवाल अहमदाबाद से एम.बी.बी.एस और एम.डी. करने के बाद जर्मनी से जाँइट रिप्लेसमेट में मशहूर चिकित्सक डाँ.थोमेस सिविल के साथ फैलोशिप संपन्न कीं। करीब ढाई साल तक सुरेन्द्र नगर, गुजरात के मेडिकल काँलेज में बतौर अस्टिटेंट प्रोफेसर आपने सेवाएं दी हैं। करीब 6 साल तक जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल में जाँइट रिप्लेसमेंट सर्जन के बतौर कार्य कर चुके डाँ. अग्रवाल अब तक करीब 500 से ज्यादा सम्पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण कर चुके हैं।
डॉ. फिलिप हर्टज : यूके के जाने-माने जाँइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. फिलिप हर्टज कई वर्षों इस क्षेत्र में हैं और करीब एक हजार से ज्यादा सम्पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण को अंजाम दे चुकें हैं।