महावीर एकेडमी में आवासीय शिविर का समापन
उदयपुर। जब तक ज्ञान का संयोग कर्म के साथ नहीं होगा तब तक व्यक्तित्व में निखार नहीं आएगा। सिर्फ ज्ञान से ही काम नहीं चलेगा, उसके लिए अनुभव भी चाहिए। अनुभव आपके गुरुजनों, माता-पिता का काम आएगा। विनय, आदर, शिष्टता व्यक्तित्व विकास का प्रथम सोपान है। ये विचार सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी कैलाश बिहारी वाजपेयी ने व्यक्त किए।
वे सोमवार को गायरियावास स्थित महावीर एकेडमी में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से राज्य और जिलास्तरीय मेरिट में आए छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास के लिए लगाए गए शिविर के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप् में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एकता में अनेकता और अनेकता में एकता देश की संस्कृति है। संकल्प करें कि इसी को प्रतिष्ठित करने का प्रयास करेंगे। देश को हमेशा जोड़ने के काम आएं, तोड़ने के नहीं। बड़ों को प्रणाम करने का भी वैज्ञानिक आधार है। उन्होंने विविध पौराणिक और पारिवारिक उदाहरण देते हुए बच्चों को मार्गदर्शन दिया।
अध्यक्षता करते हुए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सदस्य एवं जिला शिक्षा अधिकारी भरत मेहता ने कहा कि शिविर के प्रतिभागियों, आयोजकों को बोर्ड के प्रमुख डॉ. बीएल चौधरी ने धन्यवाद देते हुए बधाई दी है। इस विद्यालय में ऐसे शिविर दो बार पहले भी लगाए जा चुके हैं। पूर्व के शिविरों से भी कई प्रतिभाएं निकली हैं जो आज अपना नाम देश के विभिन्न क्षेत्रों में रोशन कर रही हैं।
विशिष्ट अतिथि जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. दिव्यप्रभा नागर ने कहा कि पुस्तकीय ज्ञान की बजाय अनुभव महत्वपूर्ण है। पुस्तकीय ज्ञान भी चाहिए लेकिन उसके साथ अनुभव का सम्मिश्रण हो जाए तो व्यक्तित्व पूरी तरह निखर जाता है। आज शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। शिक्षा अशिक्षा और कुशिक्षा होती जा रही है। इसकी पुष्टि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई है। देश की परिस्थिति को समझना होगा। माता-पिता भी बच्चे को भौतिकता की अंधी दौड़ में दौड़ाना चाहते हैं। गुणात्मक दृष्टि से किसी को कोई मतलब नहीं है। अच्छे पढ़ने वाले बच्चे आत्महत्या की ओर दौड़ रहे हैं। जिंदगी को सकारात्मक तरीके से जीएं। शिक्षा में राजनीतिक दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए।
शिविर संयोजक राजकुमार फत्तावत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि राज्य के छह जिलों के 165 प्रतिभागियों ने शिविर में हिस्सा लिया। छह दिन में छात्र-छात्राओं के लिए मोटीवेशनल स्पीकर्स का संबोधन, क्रिएटिव एक्टीविटीज, गेम्स, मेडिटेशन, योग, लीडरशिप पर संबोधन आदि का आयोजन किया गया।
शिविर में प्रतिभागी रहे छात्र-छात्राओं ने भी अपने अनुभव बांटे। भारत प्रकाश शर्मा ने कहा कि यह पहला शिविर ऐसा रहा जिसमें हमने न सिर्फ खूब एन्ज्वॉय किया बल्कि कुछ सीखने को भी मिला। पारिवारिक माहौल ऐसा रहा कि परिवार से दूर होने का पल भर भी महसूस नहीं हुआ। चित्तौड़गढ़ से आई कीर्ति गौड़ ने हा कि पहले आत्मविश्वास की बहुत कमी थी लेकिन अब माइक पर बोल सकती हूं। खेल से पहले बहुत दूर रहती थी लेकिन अब खेल गतिविधियों में भाग ले रही हूं। खेरवाड़ा के यश कलाल एवं प्रतापगढ़ की दिव्या चौहान ने भी विचार व्यक्त किए।
शिविर में आयोजित कबड्डी के विजेता विवेकानंद ग्रुप एवं रनर अप टैगोर ग्रुप तथा खो खो की विजेता टैगोर ग्रुप के सभी टीम खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। बेस्ट स्टुडेंट का खिताब यश कलाल तथा बेस्ट स्टुडेंट गर्ल्स में निकिता जोशी को मिला। अतिथियों का स्वागत उपरणा ओढ़ा स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया। स्वागत गीत हिरल चौबीसा ने प्रस्तुत किया। धन्यवाद शिक्षा विभाग के शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी शांतिलाल चौबीसा ने जताया।