उदयपुर। पेसिफिक सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय, पेसिफिक विश्वविद्यालय, उदयपुर में सोमवार को मेवाड़ पुरोधा ठाकुर प्रताप सिंह बारहठ को उनके 98वें आत्मोत्सर्ग दिवस पर नमन किया गया।
शहीद प्रताप सिंह बारहठ एक क्रान्तिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका देश प्रेम आज भी स्मरणीय है। बरेली जेल में अंग्रेजों द्वारा दी गई कठिन यातनाएं झेलने के उपरान्त भी उन्होंने दूसरे क्रान्तिकारी साथियों का नाम व पता नहीं बताया। महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. भावना देथा ने मेवाड़ के क्रान्तिकारी परिवार ठा. केसरी सिंह बारहठ के शहीद पुत्र ठाकुर प्रताप सिंह बारहठ के व्यक्तित्व से सम्बंधित अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यक्ति को विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों में भी सदैव लक्ष्य प्राप्ति के लिए तत्पर रहना चाहिए। कार्यक्रम में योगा संकाय की समन्वयक डॉ. गुनीत मोंगा, कला संकाय से डॉ. मनोज दाधीच, विमला पालीवाल, कला संकाय की असिस्टेंट रजिस्ट्रार यामिनी कुमावत एवं अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज दाधीच ने किया।