उदयपुर। वास्तु विशेषज्ञ डॉ. कल्पना शर्मा ने बताया कि शादी के समय घर में आने वाली दुल्हन की पहली पायल को दीपावली के समय पूजा में रखें, घर में समृद्धि बढ़ेगी।
वे रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित वास्तु से सुख एवं समृद्धि विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बाले रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन सूर्य को अध्र्य दे कर उसका जाप करना अवश्य करना चाहिये। बेडरूम में राधा-कृष्ण का झूला झूलते हुए का अथवा हंसो के जोड़े का चित्र कमरें में अवश्य रखें पति-पत्नि के बीच प्रेम बढ़ेगा।
शर्मा ने बताया कि मकान के वास्तु पुरूष के मर्म स्थान पर पानी का टेंक नहीं होना चाहिये। यदि मकान में ब्रह्म स्थान पर पानी का टेंक नहीं बनाना चाहिये अन्यथा उस मकान स्वामी का सर्वनाश होते देर नहीं लगेगी। ब्रह्म स्थान पर वॉश बेसिन भी नहीं होना चाहिये। यह बात अनेक अनुभवों पर कहीं जा सकती कि जो व्यक्ति किसी मंदिर के निर्माण की नींव का पत्थर रखता है वह व्यक्ति उस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं करवा सकता है।
उन्होंंने बताया कि शादी योग्य बालिका को कमरे के वाह्य कोण में सुलाना चाहिये जिससे उसकी शादी शीघ्र हो जाएगी। हर दिशा, हर व्यक्ति के लिए सहीं नहीं होती है। वह उस मनुष्य की राशि पर निर्भर करती है। ईशान कोण में बने टॉयलेट को हटा देना चाहिये। ईशान कोण में बच्चों को सुला सकते है लेकिन नव दम्पत्ति को नहीं। कीचन में खाना बनाते समय यदि गृहणी का मुंह पूर्व दिशा में हो तो वह स्वस्थ रहती है। वास्तु पूर्व में राजा-माह राजाअें तक ही सीमित था लेकिन जसे-जैसे इसके बारें में जानकारी बढ़ती गयी,वैसे-वैसे आम जनता जागरूक होती गयी।
मकान निर्माण से पूर्व वास्तु की पंाच बातों का अवश्य ध्यान रखें- बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में हों, कीचन दक्षिण-पूर्व दिशा में हो, ब्रह्म स्थान पर पानी का टेंक नहीं हो,ब्रह्म स्थान खाली हो,दक्षिण भाग भारी हों।