मायरा की गुफा, महाराणा प्रताप के शस्त्राघर की पूजा अर्चना कर किया नमन
उदयपुर। महाराणा प्रताप जयंती पर नगर निगम तथा मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के तत्वावधान में पांचवे दिन मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ता उदयपुर से 45 किलोमीटर दूर दुर्गम रास्ते से होते हुए दुलावतों का गुडा स्थित मायरा की गुफा पहुच कर महाराणा प्रताप शस्त्राघर की पूजा अर्चना कर उन्हें याद किया गया।
समारोह में संयोजक प्रेम सिंह मदारा ने बताया कि दुलावतों का गुड़ा को महाराणा के शस्त्रागार के रूप में याद किया जाता है लेकिन आज रखरखाव के कारण इस ऐतिहासिक स्थल की दुर्दशा हो रही है। उन्होंने कहा कि इस स्थल को ऐतिहासिक स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए जिससे पर्यटन को बढावा मिल सके। यहां पर बने महल एवं शस्त्राघार की दुर्दशा पर सरकार एवं प्रशासन केा ध्यान देने की आवश्यकता है। मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्रसिंह जगत, महामंत्री कुंदन सिंह, सहसंयोजक दिलीप सिंह बांसी, कमलेन्द्रसिंह पंवार, डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, कानसिंह गोड़, अजय सिंह पहल सहित क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कौमी एकता के प्रतीक थे हकीम खान : मुस्लिम महासभा-राजस्थान की ओर से मोती मगरी स्मारक पर स्थापित हकीम खां सूरी की प्रतीमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे याद किया गया। सद्भावना विचार गोष्ठी में महापौर चन्द्र सिंह कोठारी, पूर्व निदेशक तेज सिंह बांसी, प्रेम सिंह मदारा, डॉ. राजेन्द्र सिंह जगत, कांग्रेस अध्यक्ष गोपाल शर्मा, मुस्लिम महासभा के शहर जिलाध्यक्ष करीना खान, संगठन मंत्री मोहम्मद पायल, हाजी सरदार मोहम्मद, हाजी जून मोहम्मद, रेहाना खान सहित सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित थे। संचालन मुस्लिम महासभा के अध्यक्ष फिरोज बशीर ने किया।
प्रताप के जीवन से प्रेरणा ले युवा : विद्या प्र्रचारिणी सभा, बीएन ओल्ड बॉयज एसोसिएशन की ओर से प्रताप नगर स्थित सहकारी उपभोक्ता पर परिसर में लगी महाराणा प्रताप की प्रतिमा का दुग्धाभिषेक एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया गया।