राजस्थान विद्यापीठ में प्रो. सारंगदेवोत का कार्यकाल बढ़ा
उदयपुर। प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वाविद्यालय के कुलपति बने रहेंगे। विश्ववविद्यालय में कुलपति नियुक्त करने के लिए गठित सर्च कमेटी ने प्रो. सारंगदेवोत को एक ओर कार्यकाल (पांच वर्ष) देने की अनुशंसा की है।
प्रो. सारंगदेवोत के कार्यकाल बढ़ने की सूचना मिलते ही विद्यापीठ के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। श्रमजीवी महाविद्यालय, डबोक परिसर एवं प्रतापनगर परिसर के कार्यकर्ता गेट पर खड़े हो गए और कुलपति के आते ही ढोल नगाड़े, पटाखे छोड़कर एवं उनका फूलमाला एवं बुके देकर उनका स्वागत किया गया। स्वागत समारोह के बाद गेट से कुलपति सीधे ही परिसर में बनी संस्थापक जनुभाई की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन कर उनके दिखाये रास्ते एवं उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प दोहराया। संक्षिप्त उद्बोधन में कार्यकर्ताओं सम्बोधित करते हुए कहा कि यह संस्था कार्यकर्ताओं की संस्था है। उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय बेहतर मानव संसाधन एवं कार्यकर्ताओ की कुशलता, मेहनत एवं लगन से ही विद्यापीठ उन्नति एवं प्रगति के मार्ग पर उन्नयन है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा एवं बड़ी चुनौती है और वे ही शिक्षा संस्थान आगे बढ़ सकते हैं तो छात्र हित एवं फेकल्टी तथा टीम भावना से प्रेरित होकर कार्य करते हैं।
भव्य स्वागत : कार्यकर्ताओं ने कुलपति का फुलमाला एवं बुके भेंट कर उनका भव्य स्वागत किया गया। समारोह में रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल, बीएन संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. एनएन सिंह राठौड़, कुल प्रमुख बीएल गुर्जर, सहायक कुल सचिव डॉ. हेमषंकर दाधीच, प्रो. जीएम मेहता, प्रो. मंजू मांडोत, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. संजय बंसल, डॉ. हरीश शर्मा, प्रो. प्रदीप पंजाबी, डॉ. धमेन्द्र राजौरा, कौशल नागदा, डॉ. युवराज सिंह राठौड़, डॉ. पारस जैन, डॉ. हीना खान, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. शेलेन्द्र मेहता, डॉ. धीरज प्रकाश जोशी, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, आशीष डी. नन्दवाना, ओम पारीक, जितेन्द्र सिंह चौहान, हीरालाल चोबीसा, कुंजबाला शर्मा सहित शहर के गणमान्य नागरिक, विष्वविद्यालय, सामाजिक संगठन, विद्यापीठ के समस्त कार्यकर्ता एवं विभागाध्यक्ष ने भव्य स्वागत किया।
रिसर्च एवं नवाचार केा मिलेगी प्राथमिकता:- प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि विद्यापीठ के सभी विभागों में रिसर्च एवं नवाचार प्रोग्राम पर ओर अधिक जोर दिया जायेगा। साथ ही ओरियंटेशन के लिए भी विशेष योजना बनाई जायेगी। राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय समस्याओं पर आधारित मुद्दों पर कार्यशाला एवं सेमीनारों का अधिक से अधिक आयोजन किया जायेगा।
भावी योजनाए : प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि विद्यापीठ के ग्रामीण क्षेत्रों मे संचालित जनभारती केन्द्रों पर कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे जिससे ग्रामीण जन आत्म निर्भर होंगे जिससे शहरो की ओर पलायन कम होगा। जनभारती केन्द्रों पर जिला रोजगार कार्यालय के साथ मिल कर प्लेसमेंट शिविर लगाएंगे। नशा मुक्ति जागरूकता अभियान, बालिका स्वास्थ विषेष कक्षाए जिसमें शहर से चिकित्सकों को बुलाकर केन्द्र पर व्याख्यान कराए जाएंगे। समेकित कृषि का ज्ञान जिसमें पशुपालन एवं कृषि से जुड़ी सभी जानकारी एक ही स्थान पर मिल सकेगी।