श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा
उदयपुर। जीवन में युद्ध जरूरी है लेकिन इस सोच के साथ कि किससे और किसके साथ करना है, यह सोच जरूरी है। युद्ध करें लेकिन अपनी आत्मा से अशुभ वृत्तियों के साथ, अपने विचारों एवं अपनी इन्द्रियों के साथ।
ये विचार रविवार को साध्वी कीर्तिलता ठाणा-4 ने व्यक्त किए। वे श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में हिरणमगरी सेक्टर 4 स्थित तुलसी निकेतन में युद्ध किसके साथ और क्यों विषयक प्रवचन को संबोधित कर रही थीं।
साध्वी शांतिलता ने कहा कि युद्ध अपने अहंकार के साथ करें। अपने क्रोध के साथ करें। क्रोध से युद्ध कर उसे काबू में करें और अहंकार को छोड़ें, तभी जीवन की सफलता है। साध्वी पूनमप्रभा ने कहा कि सत्य ही जीवन का आधार है। जहां सत्य है वहां कीर्ति और वैभव है। साध्वी श्री श्रेष्ठप्रभा ने गीतिका के माध्यम से जीवन जीने की कला के बारे में जानकारी दी।
सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने सभा एवं साध्वीवृंद के आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम का आगाज तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष चन्दा बोहरा, मंत्री लक्ष्मी कोठारी, उपासिका बसंत कंठालिया के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत तुलसी निकेतन समिति के अध्यक्ष गणेश डागलिया ने किया। आभार तुलसी निकेतन के यशवंत कोठारी ने व्यक्त किया। संचालन सभा मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने किया।