उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वनविद्यालय के खिलाफ लोकायुक्त को दिया गया परिवाद खारिज कर दिया गया है।
कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर ने बताया कि विद्यापीठ के कर्मचारी लालाराम जाट ने लोकायुक्त कार्यालय जयपुर के यहां विद्यापीठ में अनियमिताएं व भ्रष्टाचार होने की परिवाद के जरिए शिकायत की थी। इस पर लोकायुक्त सचिव द्वारा प्रपत्र जारी कर कहा है कि इस परिवाद को लोकायुक्त सचिवालय में नस्तीबद्ध यानि बंद किया जाता है।
कुल प्रमुख ने कहा कि 2009 में विद्यापीठ की मान्यता समाप्त कर दी गई थी। कर्मठ विद्यापीठ के कार्यकर्ताओं के दिन रात के परिश्रम के बाद न केवल विश्वविद्यालय की मान्यता बची, राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यानन परिषद (NAAC) ने विद्यापीठ की अच्छे शोध, पढाई व व्यवस्थाओं पर बी ग्रेड 2.84 (CGPA) भी दी है। पूरे प्रदेश में विद्यापीठ एक आदर्श विश्वसविद्यालय के रूप में उभरा है। अब कुछ लोग विद्यापीठ की व्यवस्थाओं को भंग कर सालों पुराने संस्थान पर एकाधिकार चाहते हैं। संस्थान का नाम खराब करने वालों के विरूद्ध अब विश्वओविद्यालय भी न्यायालय से गुहार लगाएगा।