विद्यापीठ के छवि धूमिल करने पर कर्मचारियों ने जताया आक्रोश
उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विष्वविद्यालय के कुलपति पर लगाए गए आरोप जांच में गलत पाये गये हैं। पुलिस ने मामले पर एफआर दी है। विद्यापीठ के कुलपति के विरद्ध की गई शिकायत में धोखाधडी, अनियमितताएं बरतने आदि गंभीर आरोप लगाये गये थे।
बेवजह शिकायतों को लेकर रविवार को कर्मचारियों की बैठक हुई। कर्मचारियों ने ऐसे कृत्योंर पर आक्रोश जताया। कर्मचारियों ने कहा कि 2011 तक संस्थान की व्यवस्थाओं को ठप करने पर आमादा चंद लोग अब संस्थान की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
विद्यापीठ के सचिव भैरू लाल लौहार ने कहा कि प्रफुल्ल नागर ने कुलपति शिवसिंह सारंगदेवोत के खिलाफ धोखाधडी करने, पद का दुरूपयोग करने के आषय से मामला दर्ज कराया था। मामले की जांच सूरजपोल थानाधिकारी को सौंपी गई थी। जांच में सभी आरोप गलत पाए गए। पुलिस ने इस मामले में एफआर दी है। बेवजह संस्थान की छवि धूमिल हुई। ऐसे कृत्यों से विद्यार्थियों में बिना वजह संदेह का माहौल उत्पन्न हो रहा है।
3 साल से चल रहा है सिलसिला : कर्मचारियों की बैठक में कुलप्रमुख भंवर गुर्जर ने कहा कि बार-बार अनुशासनहीनता करने व मनमानी करने के कारण चार कर्मचारी नियमानुसार निलंबित किये गये थे जो अब जगह-जगह झूठी शिकायतें कर रहे हैं। यूजीसी, लोकायुक्त, पुलिस सब जगह शिकायतें दे चुके हैं और सब जगह आरोप निराधार पाये गये हैं। विद्यापीठ की व्यवस्थाओं स्वयं राष्ट्रीचय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नेक) निरीक्षण कर चुकी है। स्वयं विद्यापीठ ने नेक को व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिये आमंत्रित किया था। कुलपति ने जारी किए निर्देश : कुलपति सारंगदेवोत ने बैठक में कर्मचारियों को निर्देश जारी किए कि सभी शिक्षक व कार्यकर्ता शोध व गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पर ध्यान केंद्रित रखे। रोजगार परक पाठयक्रमों का प्रभावी संचालन करें। कुलपति ने कहा कि जनूभाई के उदेश्योंप को पूरा करना हम सभी का नैतिक व सर्वोच्च दायित्व है। जनूभाई, अशिक्षा व बेरोजगारी को जड समाप्त करना चाहते थे। हमें इस संकल्प को पूरा करने के लिये कठिन परिश्रम करना होगा। हमें सिर्फ विद्यार्थियों के हित में कार्य करना है। इस संकल्प के साथ अपने कार्य में जुटे रहे।