कटारिया से प्रताडि़त नेताओं ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को लिखा पत्र
जिलाध्यक्ष को बताया रबर स्टाम्प
उदयपुर। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की कार्यशैली से प्रताडि़त भाजपा नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी का उदयपुर जिला कार्यसमिति की बैठक में आने का कार्यक्रम स्थगित होने के बाद उन्हें पत्र लिखकर अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यकक्ष मांगीलाल जोशी, पूर्व मंडल अध्यक्ष विजय प्रकाश विप्लवी, अनिल सिंघल, दूल्हेसिंह सारंगदेवोत आदि ने पत्र में बताया कि उदयपुर में कटारिया की पसन्द-नापसन्द के आधार पर संगठन संचालित है। पार्टी में दायित्व का निर्धारण कटारिया का कृपा हुए बिना नहीं हो सकता है, लेकिन अब तो स्थिति यह है कि बैठक में आमन्त्रण के लिये भी उनकी सहमति जरूरी है। पूरा दृश्य देखकर लगता है कि जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट स्वयं कटारिया के आगे असहाय, विवश व ठाकुर सुहाती बात करने को विवश हैं। अध्यक्ष का पहला दायित्व है कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा करना, लेकिन वे अपने दायित्व को पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं।
दो जुलाई को उदयपुर में जिला कार्यसमिति की बैठक आहूत की गई। समाचार पत्रों के अनुसार बैठक में पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व मण्डल अध्यक्ष आमंत्रित थे, लेकिन हमें सूचना नहीं दी गई। इसका एक मात्र कारण गृहमंत्री कटारिया का हमसे व्यक्तिगत पूर्वाग्रह और जिलाध्यक्ष की रबर स्टाम्प सी स्थिति है।
कटारिया द्वारा पोषित गुटबाजी के कारण उदयपुर में जिला व मण्डल कार्यकारिणियों में केवल उनके कृपा पात्र स्थान पाये हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता उपेक्षा के कारण बाहर बैठे है। पूर्व जिला व मण्डल अध्यक्षों तक को बैठक व कार्यक्रमों की सूचना नहीं होती। पार्टी के बैठकों में आमन्त्रण का आधार तक भेदभावपूर्ण है, जो मानमाफिक हो उसे ही आमन्त्रण मिलता है। कटारिया जी फूट डालो और राज करो की नीति के आधार पर समय-समय पर अपनी सूची बदलते रहते हैं। कटारिया के संगठन के प्रतिनिष्ठा के भाषण के विपरित उनका आचरण है। एक तरफ तो वह संगठन के प्रति समर्पण की बात कहते है और दूसरी तरफ वह स्वयं संगठन में अपेक्षित लोगों को अपनी पसन्द और नापसन्द के आधार पर बैठकों में आमंत्रित करते है साथ ही आपनी ही पार्टी के विरोधियों को कुचलने के लिए कांग्रेस से हाथ भी मिलाते है।
आज संगठन की जिला बेठकों में पूर्व सांसद व पूर्व विधायक स्तर के नेता भी आमन्त्रित नहीं है। पूर्व में संगठन चुनाव में हुई धांधलियों के समय भी आपको निवेदन किया था। मनमानीपूर्ण चुनाव हुये। गुटबाजी के आधार पदाधिकारी बनाये गये। दो जुलाई को आपके उदयपुर प्रवास के अवसर पर आपसे व्यक्तिशः मिलकर सारा विषय आपके समक्ष रखना चाहते थे। आपका प्रवास निरस्त हो जाने से इस पत्र के माध्यम से आग्रह किया है।
आपसे निवेदन है कि उदयपुर शहर जिले में व्यक्तिगत द्वेषपूर्ण गुटबाजी की कार्यवाहियों पर अंकुश लगाया जाए और आप स्वयं एक बार समय देकर पुराने वरिष्ठ लोगों से रूबरू होकर उनकी बात को सुनकर समाधान कराने का श्रम करावें। आशा है आप शीघ्र समय देकर पुराने वरिष्ठ पदाधिकारियों के आत्मसम्मान की रक्षा की पहल करेंगे।