आइसीएआर नोडल अधिकारियों की बैठक का शुभारम्भ
उदयपुर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नई दिल्ली द्वारा आयोजित देश के सभी राज्य व केन्द्र शासित कृषि विश्वविद्यालयों व डीम्ड विश्वविद्यालयों के नोडल अधिकारियों की पहली बैठक का शुभारम्भ महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय में शुक्रवार को हुआ।
मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली डॉ. एनएस राठौड़ ने कहा कि बैठक का मुख्य प्रयोजन आईसीएआर द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं के संचालन व फण्ड के उपयोग की मॉनिटरिंग, कठिनाइयों पर चर्चा व विश्वविद्यालयों के साथ उचित समन्वय व संवाद स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से आईसीएआर की चार टी – ट्रेडिशन, टेक्नोलोजी, टेलेन्ट व ट्रेड के लिये प्रशंसा की गई है तथा आईसीएआर के द्वारा भारतीय कृषि शिक्षा के क्षेत्र में निरन्तर कार्य किया जा रहा है। इसके तहत आईसीएआर सभी वित्तीय सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों से यह अपेक्षा करता है कि वहां सुशासन, गुणवत्ता का अनुपालन, प्रशिक्षित व अनुभवी फेकल्टी, योग्य विद्यार्थियों व उचित ढांचागत विकास को बढ़ावा मिले। उन्होंने पांचवीं डीन कमेटी की प्रस्तावना को भी विस्तार से सदन के पटल पर रखा तथा कहा कि पीएमओ के निर्देशानुसार सभी विश्वविद्यालयों में एक्रीडिटेशन की अनुपालना करनी होगी। डॉ. राठौड़ ने प्रत्येक विश्वविद्यालय में आईसीएआर समन्वयक इकाई स्थापित करने पर जोर दिया।
अध्यक्षता करते हुए एमपीयूएटी के कुलपति प्रो. उमा शंकर शर्मा ने कहा कि आईसीएआर व राज्य कृषि विश्वविद्यालय सम्मिलित रूप से देश के कृषि विकास में अहम भूमिका निभाते हैं अतः दोनों के बीच आपसी समन्वय व संवाद हेतु यह एक उचित प्लेटफार्म है। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी विश्वविद्यालयों के नवनियुक्त समन्वयक आईसीएआर अधिकारियों के साथ अपनी शंकाओं का समाधान कर कृषि विकास में कदम बढायेंगे।
आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (शिक्षा नियोजन एवं गृह विज्ञान) डॉ. पीएस पाण्डे, सहायक महानिदेशक (मानव संसाधन विकास) डॉ. एमबी चैती व सहायक महानिदेशक (ईक्यूआर) डॉ. जी. वेंकटेश्वरलु ने भी संबोधित किया। प्रारम्भ में एमपीयूएटी के आइसीएआर नोडल अधिकारी डॉ. अभय महता ने बताया कि बैठक में विभिन्न 72 कृषि विश्वविद्यालयों, डीम्ड व केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के 77 नोडल अधिकारी भाग ले रहे हैं। विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारी निदेशक एवं अधिष्ठाता उपस्थित रहे। संचालन डॉ. विरेन्दर नेपालिया ने किया एवं धन्यवाद प्रस्ताव प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. जीएस तिवारी ने दिया।