उदयपुर में गवरी चेतना कार्यशाला में आए महत्वपूर्ण सुझाव
उदयपुर। विश्व आदिवासी दिवस पर मंगलवार को उदयपुर जिला परिषद सभाकक्ष में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से गवरी चेतना कार्यशाला आयोजित की गई।
इसमें वक्ताओं ने गवरी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में गवरी को मेवाड़ की पहचान के रूप में स्थापित करने के लिए समन्वित प्रयासों में भागीदारी का संकल्प व्यक्त किया गया।
कार्यशाला में नगर निगम के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी मुख्य अतिथि थे। अध्यक्षता जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने की जबकि आबकारी विभाग के अतिरिक्त आयुक्त महावीर खराड़ी विशिष्ट अतिथि थे।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. बुनकर, मुख्य आयोजना अधिकारी सुधीर दवे, गवरी डब्ल्यू. डेविड कबिक, हरिशंकर मेघवाल, रीता दीक्षित कबिक, पर्यटन जानकार सूर्यजीतसिंह, जितेन्द्रपालसिंह, कपूरश्री जैन, सुरेश, चिन्मय दीक्षित, यशवर्धन राणावत, गंगाराम भील राजसमन्द, हेमेन्द्रसिंह, केशूलाल, तुलसीराम, भगवान कछावा सहित गवरी कलाकारों और इस विधा के विशेषज्ञों ने सुझाव दिए। कलाकारों एवं टूरिस्ट गाइड्स ने जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। कार्यशाला में जाने-माने संस्कृतिकर्मी, साहित्यकार एवं कला मर्मज्ञ डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू ने गवरी विषय पर वार्ता प्रस्तुत करते हुए इसके सभी पक्षों का विवेचन किया।
ब्रोशर विमोचन – फोटोग्राफी के लिए पुरस्कार
कार्यशाला में अतिथियों ने गवरी पर प्रकाशित ब्रोशर व पोस्टर का विमोचन किया और टीआरआई द्वारा आयोजित फोटोग्राफी प्रतियोगिता में चयनित छायाकारों को पुरस्कृत किया गया। इनमें पन्द्रह हजार रुपए का जनजाति प्रतिभाशाली विशेष पुरस्कार छायाकार डिम्पल चण्डात को प्रदान किया गया। प्रतियोगिता में भागीदारी निभाने वाले 6 प्रतियोगियों यशपाल बरण्डा, दिलीपकुमार डामोर, संदीप कुमार मेघवाल, कुमारी गुलाबी पारगी, हरिशंकर मेघवाल एवं मांगु सिंह गुर्जर को 5-5 हजार रुपए सान्त्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि कला और संस्कृति की महत्वपूर्ण विरासत गवरी के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए उदयपुर नगर निगम हरसंभव योगदान करेगा और निगम की विरासत संरक्षण कार्ययोजना में इसे शामिल किया जाएगा।
जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने गवरी के बारे मेंं जिला प्रशासन की ओर से संचालित बहुआयामी गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी और इन प्रयासों में भागीदारी का आह््वान किया। जिला कलक्टर ने गवरी कलाकारों को प्रोत्साहन तथा नई पीढ़ी को गवरी से जोड़ने के लिए कला-संस्कृति विभाग की योजनाओं से जोड़े जाने की पहल करने के निर्देश दिए।
आबकारी विभागीय अतिरिक्त आयुक्त महावीर खराड़ी ने विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी और जनजातीय कला-संस्कृति और तमाम पक्षों के संरक्षण में सभी की समर्पित भागीदारी और बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयासों की आवश्यकता जताई।
आरंभ में संस्थान के निदेशक बाबूलाल कटारा ने कार्यशाला आयोजन के उद्देश्यों पर जानकारी दी। कार्यशाला का संचालन टीआरआई की संयुक्त निदेशक श्रीमती ज्योति मेहता ने किया। कार्यशाला में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, पर्यटन, आरसेटी, एएसआई, टीआरआई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, टूरिस्ट गाइड्स, होटल एवं टूरिस्ट संगठनों के पदाधिकारियों ने चर्चा में हिस्सा लिया।