तेरापंथ भवन में देशभक्ति गीत प्रतियोगिता
उदयपुर। साध्वी कीर्तिलता ने कहा कि आज हमारी स्वतंत्रता स्वच्छंदता बनती जा रही है। हजारों वर्ष पूर्व जहां दूध की नदियां बहती थीं वहां आज खून की नदियां बहाई जा रही है। कोई स्वार्थ का तो कोई कुर्सी का गुलाम बनकर रह गया है। कितने बलिदानों के बाद आजादी मिली है। शताब्दियों की पराधीनता के बाद भारत ने आज के दिन स्वतंत्रता की हवा में श्वास ली। सुभाषचंद्र बोस ने कहा था कि पराधीनता मनुष्य जीवन के लिए एक अभिशाप है।
वे स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में देशभक्ति गीत प्रतियोगिता के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जब तक आदमी का निर्माण नहीं होगा, प्रामाणिकता एवं ईमानदारी का विकास नहीं होगा तब तक यह स्वतंत्रता मात्र मजाक बनकर रह जाएगी।
तेरापंथी सभा के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने बताया कि देशभक्ति गीत प्रतियोगिता में वरिष्ठ वर्ग दीपक मेहता, सीमा कच्छारा एवं कांता खीमावत तथा कनिष्ठ वर्ग में वैभव चौधरी, जय खीमावत तथा देवांश नाहर व दिया चपलोत क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। स्वागत तेयुप अध्यक्ष राकेश नाहर ने किया। पारितोषिक वितरण सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता एंव सभा मंत्री राजेंद्र बाबेल ने किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक राकेश चपलोत ने किया। आभार तेयुप मंत्री राजकुमार कच्छारा ने व्यक्त किया। निर्णायक मनमोहन भटनागर एवं अनुराधा थे।
कार्यक्रम का संचालन राकेश चपलोत ने किया। इस अवसर पर तेरापंथ टाइम्स के संपादक अलंकार आच्छा भी मौजूद थे।