उदयपुर में आपदा प्रबंधन पर ब्रिक्स देशों का दो दिवसीय सम्मेलन संपन्न
ब्रिक्स देशों के साझा मंच ने किया निर्णय
उदयपुर। झीलों की नगरी में रिमझिम वर्षा की बौछारों के साथ ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्राकृतिक आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साझा मंच ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एक संयुक्त टॉस्क फोर्स के गठन का निर्णय लिया है।
ब्रिक्स देशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के उदयपुर में मंगलवार को सम्पन्न हुए दो दिवसीय सम्मेलन के पश्चात् केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रिक्स देशों ने उदयपुर में आयोजित मंत्री स्तरीय सम्मेलन के दूसरे दिन जारी संयुक्त घोषणा पत्र में ब्रिक्स देशों के बीच नियमित चर्चा, विनिमय, आपसी सहयोग एवं समन्वय के दृष्टिगत आपदा जोखिम प्रबन्धन पर ज्वाईन्ट टास्क फोर्स गठन पर सहमति जतायी है। तकनीकी सत्रों में प्रजेन्टेशन एवं साझा चर्चा के पश्चात् सभी देशों ने इस महत्वपूर्ण घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
रिजिजू ने बताया कि अमेरिका के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स देशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के पहले सम्मेलन में लिए गए सामूहिक निर्णयों की परम्परा को आगे बढाते हुए उदयपुर घोषणा का यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है। जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए ठोस उपाय सुनिश्चित करने और कारगर योजना बनाने की दृष्टि से उदयपुर घोषणा पत्र मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने बताया कि पहले प्राकृतिक आपदा आने पर बचाव कार्यों पर ही ध्यान केन्द्रित रहता था लेकिन बचाव एवं राहत कार्यों के अलावा प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए कोई ठोस रणनीति या कार्यक्रम नहीं होने से जन-धन, पशुओं और सम्पति को भारी नुकसान होता था, लेकिन अब इस परम्परागत सोच के उलट प्राकृतिक आपदाओं को कैसे रोका जाए और इन्हें निष्प्रभावी बनाकर अंकुश लगाने की वैश्विक सोच पर कार्य किया जा रहा है। उदयपुर घोषणा पत्र, इस दृष्टि से एक ऐतिहासिक दस्तावेज सिद्ध होगा।
रिजिजू ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं का एक बड़ा कारण प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना है। जनसंख्या के बढ़ते दबाव और शहरीकरण के कारण इन्सानों और प्रकृति के मध्य टकराव बढ़ रहा है और यह टकराव प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन जन-धन, पशुओं और सम्पति को भारी क्षति पहुंचा रहा है। इस विषय पर सभी को गंभीरता से सोचने की जरूरत है। इन स्थितियों में विशेषकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की सुनियोजित प्लानिंग की आवश्यकता को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर योजनाओं को क्रियान्वित करने की जरूरत है। भारत सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। खासकर स्मार्ट सिटी, सुदृढ़ सड़कों और भूकम्परोधी मकानों के निर्माण आदि ठोस कार्य हाथ में लिए जा रहे हैं।
समापन सत्र : इससे पूर्व सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ब्रिक्स देशों द्वारा उदयपुर घोषणा पत्र में सर्वसम्मति से तय किये गये रोडमेप को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सदस्य देशों द्वारा सामूहिक रूप से ठोस कार्य किए जाएंगे। उन्होंने ब्रिक्स के सदस्य देशों द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए उपयोगी व सार्थक जानकारियों का आदान-प्रदान करने पर खुशी व्यक्त की।
राजस्थान के गृह एवं आपदा राहत मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि ब्रिक्स देशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए किए गये गहन मंथन के बाद जारी हुआ उदयपुर घोषणा पत्र राजस्थान के लिए ऐतिहासिक क्षण है।
समापन अवसर पर दक्षिण अफ्रीका के सहकारी शासन एवं परंपरागत मामले विभाग के मंत्री श्री डेस वेन रोयीन ने उदयपुर घोषणा पत्र में निर्धारित किये गये रोडमेप पर जमीनी कार्यवाही करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के सामने साझा एक्शन प्लान को लागू कर सहभागिता की मिसाल कायम करने का सुनहरा अवसर है। इस कसौटी पर हम सबको खरा उतरना होगा।
इस अवसर पर श्री रिजिजू ने उदयपुर घोषणा पत्र की प्रति ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों को भेंट की साथ ही सहभागी देशों के प्रतिनिधियों, केन्द्र व राजस्थान सरकार के अधिकारियों को स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। अंत में एनडीएमए के श्री कमल किशोर ने सभी सहभागियों का आभार जताया।
दूसरा दिन ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) देश के प्रतिनिधियों ने ब्रिक्स सम्मेलन के दूसरे दिन मंगलवार को तकनीकी सत्रों के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रस्तुतीकरण हुए। तकनीकी सत्रों में ब्राजील के सिविल डिफेन्स सेक्रेटरी वेस्ले डे ऑल्मिडा फेलिन्टो, चीन के आपदा राहत विभाग के महानिदेशक पेंग चेंगनिन, रूस के नागरिक सुरक्षा एवं जनसंख्या नियंत्रण विभाग के निदेशक ऑलेग मनीलो, भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य आरके जैन, गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव बिपिन मलिक, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रोहित कुमार, संभागीय आयुक्त भवानीसिंह देथा, जिला कलक्टर रोहित गुप्ता, पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल आदि भी मौजूद थे।