हाईकोर्ट बैंच की मांग
उदयपुर। उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ स्थापित करने की मांग को लेकर 34 वर्षों से आंदोलनरत मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति एवं बार एसोसिएशन की ओर से बुधवार को कोर्ट चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाकर चक्काघ जाम कर धरना दिया गया।
आंदोलन के तहत न्यायालय के मुख्य द्वार पर अधिवक्ताओं ने उक्त मांग को लेकर धरना दिया। धरना स्थल पर सभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता संघर्ष समिति के संयोजक पूर्व विधानसभाध्यक्ष शांतिलाल चपलोत ने की। सभा को बार अध्यक्ष भरत कुमार जोशी, वरिष्ठ अधिवक्ता कंचन सिंह हिरन, फतहलाल नागौरी, राजेन्द्र सिंह हिरन, अरूण व्यास, रामकृपा शर्मा आदि ने संबोधित किया।
अधिवक्ताओं ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय में लम्बित मुकदमों की संख्या के आधार पर उदयपुर में राजस्थान में उच्च न्यायालय की खण्डपीठ स्थापित किया जाना काफी आवश्यक है क्योंकि बांसवाड़ा, डूंगरपुर तथा उदयपुर जिला मुख्यालय से सीधा कोई रेल मार्ग भी नहीं है जिससे लोगों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार न्यायिक व्यवस्थाओं के विकेन्द्रीकरण के नाम पर हर छोटी शहर में ग्राम न्यायालय एवं अन्य न्यायालय खोल रहे हैं, परन्तु उच्च न्याय के विकेन्द्रीकरण पर किसी भी प्रकार का कोई भी निर्णय नहीं किया जा रहा है जो उनकी दोहरी मानसिकता का परिचय है। उक्त कारणों से इस क्षेत्र में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ खोली जानी न्यायोचित है।