छात्र छात्राओं ने दी जमकर प्रस्तुतिया
उदयपुर। आज के आधुनिक युग एवं भागम भाग एवं बढ़ते हुए सोषल मीडिया के दौर में गुरू शिष्यर की परम्परा को कायम रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। आज का युवा शिष्य मोबाईल या वाट्सप के द्वारा मेसेज कर अपने षिष्य का निर्वाह करके इतिश्री कर देता है।
गुरू शिष्य की पम्परा हमारी भारतीय परम्परा है इसे संजोये रखना है। आज व्यक्ति में कुछ न कुछ प्रतिभा छिपी होती है और वह हमें मिलती है तो वह हमारा गुरू कहलाता है। ये विचार जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क के छात्र छात्राओं द्वारा आयोजित टीचर्स डे सम्मान समारोह में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ. मंजू मांडोत ने कही। समारोह में छात्रों ने अध्यापकों से केट कटवाकर उनका अभिनन्दन किया। समारोह में डॉ. वीणा द्विवेदी, डॉ. लाला राम जाट, डॉ. अवनीश नागर, डॉ. सुनील चौधरी, डॉ. नवल सिंह, कुंजबाला शर्मा ने भी व्यक्त किए। संचालन देवेश जोशी ने किया। समारोह में राजस्थानी गीतों पर छात्र छात्राओं ने जम कर प्रस्तुतियां दी।