सीटीएई में पूर्व छात्रों का 14 वां समागम एवं अभिनन्दन
उदयपुर। सफेद हो चुके बाल और चेहरे पर अनुभव की झुर्रियों के साथ एक दूसरे को पहचानने में उन्हे समय जरूर लगा परन्तु पहचानते ही कॉलेज के दिन फ्लैश बैक की तरह उनकी जुबान पर आ गये और आँखें नम हो गई। अरे यार तू तो बिलकुल नहीं बदला। तेरी शरारतें तो अभी वैसी ही है। अरे यार तू तो गंजा हो गया।
अवसर था प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय एवं सीटीएई एल्यूमिनी सोसायटी द्वारा आयोजित पूर्व छात्र समागम एवं अभिनन्दन का। एल्यूमिनी सोसायटी के अध्यक्ष अरूण सुराणा एवं महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.एस. राठौड ने अतिथियों का स्वागत किया। महाविद्यालय से 25 वर्ष पूर्व 1991 में कृषि अभियांत्रिकी में स्नातक एवं स्नातकोतर की उपाधि ले चुके सिल्वर जुबली बैच एवं 2001 में स्नातक हुए कृषि, विद्युत, यांत्रिकी एवं खनन् अभियांत्रिकी के क्रिस्टल जुबली बैच के पूर्व छात्रों का अभिनन्दन किया गया। महाविद्यालय में में अध्ययनरत् द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष कृषि अभियांत्रिकी के टॉपर दो विद्यार्थियों यथा अरिहन्त कोचर, सुरभि जैन, दीक्षा, प्रशस्ति, धीरज वर्मा एवमं अजंली दुबे को पारितोषिक एवं अभिनन्दन पत्र से नवाजा गया। इस समारोह में एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
सीटीएई के 14 वें पूर्व छात्र समागम एवं अभिनन्दन समारोह में महाविद्यालय के पूर्व छात्रों कृषि अभियान्त्रिकी में स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले सुमन कुमार (1970) लक्ष्मण भाई पटेल (1974) और मनिंदर जीत सिंह बहल (1987) को अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिये विशिष्टत सेवा पदकों से सम्मानित किया गया। खनिज अभियांत्रिकी के आसिफ मोहम्मद एवमं सुरेश कुमार को वरिष्ठ प्रोफेशनल अभियन्ता तथा कृषि अभियान्त्रिकी के दीपक झांझरिया, कैलाश जागेटिया, कपिल सामर एवंम आलोक गोरा को प्रोफेशनल अभियन्ता के सम्मान से नवाजा गया।
पूर्व छात्रों ने अपने छात्र जीवन के महाविद्यालय के संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि यहां शिक्षकों के समर्पण एवं ज्ञान के कारण छात्र आज देश-विदेश में ऊंचाईयों की ओर अग्रसर है। कार्यक्रम में श्रीराम वेडरी चेयरमैन राजस्थान नदी घाटी एवं जल संसाधन योजना प्राधिकरण ने मुख्य अतिथि के रूप में कृषि अभियन्ताओं से अपील की कि तकनीकी नवाचार के माध्यम से आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने में सहयोग प्रदान करें। राजस्थान की प्रमुख जल समस्या के निदान में चार जल स्त्रोतो जैसे वर्षा, भूजल एवमं भूगर्भ जल को संरक्षित करने में अभियन्ताओ को जिओ टेगिंग से सर्वे करने की सलाह दी ।
अभियंताओं का समस्या समाधान में व्यापक योगदान : अध्यक्षता भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उपमहानिदेशक डॉ. नरेन्द्रसिंह राठौड़ ने अध्य क्षीय उदबोधन में कहा कि वर्तमान में खेती व ग्रामीण विकास की अपुर्व सम्भावना को देखते हुए भविष्य मे कृषि अभियंताओं का काफी योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि अभियंताओं का प्रदेश एवं राष्ट्र की विभिन्न समस्याओं को सुलझाने में व्यापक योगदान है। वोल्टाज के पूर्व उपाध्यक्ष आरके व्यास विशिष्ट् अतिथि थे। उन्होंने कहा कि देश प्रत्येक राज्य में कृषि अभियन्ताओ ने विकास मे अपना योगदान दिया है। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसएस राठौड़ ने महाविद्यालय की विभिन्न गतिविधियो की जानकारी दी।