उदयपुर। मीरा गर्ल्स कॉलेज के पूर्व प्राचार्य हरीश भट्ट ने कहा कि संत दयालु प्रवृत्ति के होते है और वे सभी के कल्याण के लिए ही सोचते है। साधना करने से सिद्धी मिलती है।
वे आज वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति उमंग द्वारा योग सेवा समिति परिसर में आयोजित वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शांति की राह पर चलने के लिए कठिन तपस्या करनी होती है। बाईबल व कुरान में भी लिखा है कि गुनाह की माफी मांगने पर अल्लाह भी उसकी करूणामय पुकार सुनकर माफ कर देते है।
सरदार जोगिन्दरसिंह ने कहा कि संसार तीन गुणों, तपो, तमो एवं रजो गुणों में इतना खो जाता है कि उसे पता ही नहीं चलता है कि कब उसका जीवन समाप्त हो गया। मनुष्य को तपो गुणों में ही जीना चाहिये। मनुष्य द्वारा किये जाने वाले अच्छे बुरे का फल मनुष्य को संसार में भोगने ही पड़ते है। बीमार हो कर उपर जाने वाले व्यक्ति को ईश्वर भी स्वीकार नहीं करता है। उन्होंने कहा कि जितना भी धनार्जन किया जाए उसमें से एक निश्चित प्रतिशत राशि किसी भी जरूरतमंद को दान करने के लिए निकाल देनी चाहिये।
प्रारम्भ में समिति के संस्थापक डॉ. सुन्दरलाल दक ने बताया कि वार्ता पश्चात सदस्यों के मनोरंजनार्थ हाउजी का खेल आयोजित किया गया। डॉ. दक ने प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत किया एवं आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी।