धर्मेश मुनि का ससंघ महाप्रज्ञ विहार से विहार, तेरापंथ भवन से आज विहार करेंगी साध्वीवृंद
उदयपुर। चातुर्मास समाप्ति के बाद मुनिजनों एवं साध्वीवृंदों का विहार आरंभ हो गया है। इससे पहले मंगल भावना समारोह के आयोजन हुए। अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में साध्वी कीर्तिलता एवं महाप्रज्ञ विहार में विराजित तेरापंथी संत मुनि धर्मेश कुमार व सहवर्ती संतों के लिए समाज की ओर से मंगल भावना समारोह हुए।
महाप्रज्ञ विहार से मुनि धर्मेश कुमार सहवर्ती संतों मुनि यशवंत कुमार एवं डॉ. मुनि विनोद कुमार के साथ समारोह के बाद विहार कर गए। उन्होंने डॉ. आरएल जैन के निवास के लिए विहार किया। महाप्रज्ञ विहार में आयोजित समारोह में धर्मेश मुनि ने कहा कि आज कृतज्ञता ज्ञापन का दिन है। समाजजनों ने चार माह में जो हमारा ध्यान रखा, स्वास्थ्य अनुकूल नहीं होने के कारण हम नियमित प्रवचन, व्याख्यान नहीं दे पाए फिर भी हमेशा ध्यान रखें परोपकार ही जीवन है। संतों पर एक बड़ी आध्यात्मिक जिम्मेदारी है। समाज को अध्यात्म की ओर ले जाने में संतों का योगदान महत्वपूर्ण है।
उन्होंने गोगुंदावासियों, आचार्य महाश्रमण, निवर्तमान अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत सहित सम्पूर्ण तेरापंथ समाज व चिकित्सकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गोगुंदा में चातुर्मास घोषित था लेकिन स्वास्थ्य गड़बड़ा जाने से उदयपुर आना पड़ा और आचार्य प्रवर की महती कृपा कि उन्होंने यहां चातुर्मास करने की आज्ञा दी। प्रवचन भले ही नहीं दे पाया लेकिन अपनी साधना करने में अवश्य सफलता मिली।
मुनि डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि आज का दिन सिंहावलोकन का भी होता है। पीछे मुड़कर देखना है कि यह उपयोगी सिद्ध हुआ। अब तक के चातुर्मास में ज्यादा उपयोगी सिद्ध हुआ क्योंकि जनसंपर्क कम रहा और साधना अधिक रही। साधना में जनसंपर्क बाधक होता ही है।
मुनि यशवंत कुमार ने कहा कि चार माह कब निकले, पता ही नहीं चला। समय मात्र का प्रमाद न करें। समय तो अपनी गति से निकल रहा है, सोचना यह है कि उसका सदुपयोग किया या दुरूपयोग। उपयोग नहीं किया तो उसका पश्चाताप ही करते रह जाएंगे। जो बोएंगे, वही लौटकर आएगा। दुआ देंगे तो दुआ आएगी।
इससे पूर्व समाज की ओर से उपाध्यक्ष सुबोध दुग्गड़ ने मुनिवृंदों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सौभाग्यसिंह नाहर, गणेश डागलिया, केएल कोठारी, डॉ. आरएल जैन, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री लक्ष्मी कोठारी, तेयुप सचिव राजकुमार कच्छारा ने भी विचार व्यक्त किए। मंगलाचरण मिनी सिंघवी ने किया। संचालन मंत्री राजेन्द्र बाबेल ने किया।
उधर तेरापंथ भवन में हुए समारोह में साध्वी कीर्तिलता ने चातुर्मास काल में श्रावक-श्राविकाओं की सहभागिता पर संतोष व्यक्त करते हुए धर्मसंघ की प्रभावना के लिए सतत जागरूक रहने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता, निवर्तमान अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत, डॉ. एलएल धाकड़, तेयुप अध्यक्ष राकेश नाहर, महिला मंडल मंत्री लक्ष्मी कोठारी, अणुव्रत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अरूण कोठारी, ज्ञानशाला प्रभारी फतहलाल जैन, बसंत कंठालिया, कार्तिक चपलोत ने भी विचार व्यक्त किए। पंकज भंडारी, शशि चव्हाण, कांता खिमावत तथा महिला मंडल ने गीत प्रस्तुत किए। साध्वी शांतिलता, साध्वी पूनमप्रभा और साध्वी श्रेष्ठप्रभा ने इंटरव्यू विधा के माध्यम से तथा महिला मंडल ने न्यूज रीडिंग के माध्यम से चातुर्मास काल के विविध आयोजनों का दृश्यावलोकन प्रस्तुत किया।