किसी को विश्वास नहीं, पति पर गहरा रहा था शक
उदयपुर। बहुचर्चित रूचिका गुप्ता (जैन) हत्याकांड के मामले में पुलिस ने ऑर्बिट कॉम्पलेक्स-1 में 802 में ही रहने वाले युवक दिव्य कोठारी को गिरफ्तार किया। सीए में फेल हुआ छात्र दिव्य साइकोसिस का मरीज है और उसने इसी बीमारी के चलते अर्धचेतन अवस्था में रुचिका को अनजाने में मार डाला।
हत्या के बाद उसने 8 बार मरने का प्रयास भी किया लेकिन हर बार वह बच गया। अंतिम बार उसने खुद ही फांसी की सजा सोचकर फतहपुरा चौकी में आकर आत्मसमर्पण कर लिया। आरोपित दिव्य के स्वीकार करने पर भी एक बार उस पर विश्वास नहीं किया। बीमारी के चलते वह हर बार अलग-अलग बर्ताव कर रहा था। बहकी-बहकी बातें कर रहा था। पुलिस को इस हत्याकांड को खोलने के लिए साइकेट्रिक वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ ही उसके मां-बाप की भी मदद लेनी पड़ी।
पुलिस अधीक्षक राजेंद्रप्रसाद गोयल ने बताया कि ऑर्बिट काम्पलेक्स नं.1 के फ्लैट नंबर 702 में रहने वाली रुचिका पत्नी कृष्णवल्लभ गुप्ता (जैन) की हत्या के मामले में पुलिस ने दिव्य (22) पुत्र अरविंद कोठारी को गिरफ्तार किया। दिव्य सीए कर रहा है और पूर्व में वह फेल हो गया था। परिजनों द्वारा पढ़ाई का दबाव डालने के कारण वह मानसिक रूप से तनाव में आकर साइकोसिस का मरीज बन गया। पजिनों को एक पल भी उसकी बीमारी का पता नहीं चला। उसे हल्के में रहते हुए जिसके कारण वह एक खुशहाल परिवार की जिंदगी को बर्बाद करते हुए महिला अधिवक्ता रूचिका जैन की जान ले गया। आरोपित ने रूचिका को टूल्स पाने से सिर में वार कर जान ली। उसने इतने वार किए कि उसे खुद भी पता नहीं चला।
विश्वास नहीं हो पा रहा हर किसी को : रूचिका जैन हत्याकांड में अब तक उसके पति कृष्णवल्लभ गुप्ता पर ही शक गहराता हुआ हर कोई व्यक्ति उसे ही आरोपी ठहरा रहा था। पुलिस के चंद अधिकारियेां ने भी विरोधाभासी बयान व घटना हाल के आधार पर गुप्ता को ही दोषी ठहरा दिया था लेकिन मोबाइल कॉल डिटेल व तकनीकी आधार पर की गई जांच में पुलिस ने असली आरोपी को सलाखों में डाल दिया। आरोपित दिव्य के बारे में सुनकर शहरवासी के अलावा कॉम्पलेक्स में रहने वाले सब चौंक पड़े। मां-बाप को तो अभी भी विश्वास नहीं हो पा रहा।