बजट तथा बजट अध्ययन विषय पर कार्यशाला
उदयपुर। आगामी बजट में गांवों को अधिक राशि दे, उसे पूरी पारदर्शिता के साथ उसका लाभ ग्रामीणजन को मिले इसका पूरा फोकस सरकार को करना चाहिए। साथ ही सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों को केन्द्र सरकार द्वारा बहुत ही कम अनुदान दिया जाता है उसी के मद्देनजर राजस्थान सरकार को भी अपनी ओर से इन संगठनों को आर्थिक मदद देकर उसे सक्षम बनाया जाना चाहिए जिससे आम जन को इसका पूरा लाभ मिल सके।
ये विचार बुधवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक उदयपुर सोशल वर्क एव बजट अध्ययन राजस्थान केन्द्र जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में बजट तथा बजट अध्ययन विषयक महाविद्यालय के सभागार में आयोजित सेमीनार में मुख्य अतिथि समन्वयक निसार अहमद ने कही। सेमीनार में राजस्थान के आगामी बजट कैसा हो, उसमें क्या क्या होना चाहिए, छात्र-छात्राओं के साथ खुली चर्चा की गई। सेमीनार में छात्रों को सरकारी बजट के बनाने की प्रक्रिया, बजट की संरचना तथा सरकार के आय के स्त्रोत तथा सरकार के खर्चे के प्रकार, बजट में उपयोग होने वाले कोड आदि के बारे में चर्चा की।
अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. मंजू मांडोत ने बताया कि छात्रों को भी अपने जीवन में बजट के अनुसार कार्य करना चाहिए तथा अपनी भावी योजना की भी योजना बना कर उसी साथ आगे बढना चाहिए। सेमीनार में छात्रों ने विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, ग्रामीण विकास आदि पर सरकार द्वारा किये गये आवंटन तथा खर्च का बजट पुस्तिकाओं से निकालने तथा विष्लेषण करने का तरीका बताया गया। संयोजन डॉ. अवनीश नागर ने किया जबकि धन्यवाद डॉ. नवल सिंह ने दिया। सेमीनार में महेन्द्र सिंह राव, मौली श्री ने भी बजट पर विचार व्यक्त किए।
प्रतिभागियों को दिये प्रमाण पत्र : डॉ. अवनीश नागर ने बताया कि सेमीनार के प्रारंभ में छात्र-छात्राओं को बजट के विषय पर ग्रुप चर्चा की गई व कार्यशाला में भाग लेने वाले छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र दिये गए।