17 राज्यों के कलाकार भाग लेंगे
उदयपुर। देश के ग्रामीण अंचलों में पल्लिवित होने वाली लोक कलाओं तथा शिल्प कलाओं के प्रोत्साहन के लिये पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा 21 से 30 दिसम्बर तक हवाला गांव स्थित शिल्प कला परिसर शिल्पग्राम में दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव का आयोजन किया जायेगा। इस उत्सव में भारत के 17 राज्यों के लगभग 600 लोक कलाकार व 800 शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
केन्द्र निदेशक फुरकान ख़ान ने शिल्पग्राम के कला विहार में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि लोक कला एवं शिल्प कला का प्रसार जन-जन तक करने तथा शिल्पकारों को बाजार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से आयोजित इस दस दिवसीय उत्सव का उद्घाटन राज्यपाल राजस्थान एवं केन्द्र के अध्यक्ष कल्याण सिंह द्वारा 21 दिसम्बर को सायं 6 बजे किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया तथा सांसद अर्जुन लाल मीणा विशिष्ट अतिथि होंगे।
ख़ान ने बताया कि इस बार शिल्पग्राम को और अधिक रूचिकर बनाने के लिये कई नए स्थायी आकर्षण जोड़े गये हैं जिनमें पत्थरों से निर्मित वाद्य यंत्र तथा धातु निर्मित नृत्य में लीन नृत्यांगनाएँ भी हैं। यह स्थायी आकर्षण दर्शकों को आकर्षित करने के साथ-साथ नृत्य संगीत के बारे में जानकारी का स्रोत भी होंगे। बंजारा मंच पर गत वर्ष की तरह हिवड़ा री हूक’’ कार्यक्रम के साथ-साथ इस बार सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी भी जोड़ा है जहां दिन में चार बार भारतीय संस्कृति पर प्रश्न पूछे जायेंगे और जवाब देने वालों को इनाम भी दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि उत्सव के दौरान रोजाना सुबह 11 बजे हाट बाजार प्रारम्भ होगा। हाट बाजार में विभिन्न शिल्प वस्तुओं का प्रदर्शन व विक्रय होगा। हाट बाजार की सज्जा शिल्पवार होगी उनमें उत्कृष्ट, धातुधाम, मृण कुंज, काष्ठ शिल्प, वस्त्र संसार, विविधा इत्यादि उल्लेखनीय हैं। हाट बाजर में एक ओर जहां शिल्पकार कलात्मक वस्तुओं का विक्रय करेंगे वहीं दूसरी ओर विभिन्न मंचों पर लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियाँ दी जाएगी। उत्सव के दौरान राजाना शाम 6 बजे से मुख्य रंगमंच कलांगन पर लोक कलाओं की प्रस्तुतियाँ होंगी।
केन्द्र निदेशक ख़ान ने बताया कि उत्सव के दौरान शिल्पग्राम आने-जाने के लिये एक तरफा यातायात व्यवस्था रहेगी। इसके तहत चार पहिया वाहन बड़ी रोड से प्रवेश कर सकेंगे तथा उनकी निकासी रानी रोड से हो सकेगी। दो पहिया वाहन संजय गांधी पार्क से प्रवेश करेंगे व इनकी निकासी इसी मार्ग से होगी।
इसके अलावा हाट बाजार में कला प्रस्तुतियां देने वाली कला शैलियों में तेजाजी, भजन गायक, अलगोजा वादन, बहुरूपिया, कठपुतली, कच्छी घोड़ी, चकरी, सहरिया स्वांग, भोपा-भोपी, जादूगर, मशक वादन (राजस्थान), राठवा, बहुरूपिया (गुजरात), बोहाड़ा (महाराष्ट्र), तारपा ढोल (दादरा नगर हवेली) उल्लेखनीय हैं।
उत्सव के दौरान अन्य गतिविधियों की चर्चा करते हुए फुरकान ख़ान ने बताया कि उत्सव के दौरान बालकों के लिये बाल संसार का आयोजन किया जाएगा जिसमें बच्चों के लिये जादू कला, कठपुतली कला व कागज की कला का प्रशिक्षण विशेषज्ञों द्वारा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि शिल्पग्राम के संगम सभागार में केन्द्र द्वारा आयोजित ललित कला कार्यशालाओं में देश के विभिन्न क्षेत्रों के चित्रकारों द्वारा सृजित चित्रों, ग्राफिक्स प्रिन्ट्स की प्रदर्शनी अभिव्यक्ति का आयोजन किया जायेगा।
नई कला शैलियाँ : उत्सव में इस बार आमंत्रित नई कला शैलियों के बारे में जानकारी देते हुए श्री ख़ान ने बताया कि इस बार दस दिवसीय उत्सव के दौरान हरियाणा का 15 सदस्यीय बीन जोगी दल, महाराष्ट्र का बोहाड़ा नृत्य, कर्नाटक संगीत पर आधारित तराना में बाल वाद्य वृंद, पश्चिम बंगाल का खोल वादन, उत्तर प्रदेश का फरूहाई नृत्य, पश्चिम बंगाल का नटुवा नृत्य, त्रिपुरा का मामिता नृत्य रहेगा। बांगला देश का जोलार गान भी आने की संभावना है।