उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक साहित्य संस्थान की ओर से गुरूवार को प्रख्यात साहित्कार डिंगल तथा पिंगल भाषा शैली के प्रख्यात मर्मज्ञ सौभाग्य सिंह शेखावत के देहावसान पर श्रद्धांजलि सभा हुई।
कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत, डॉ. देव कोठारी, डॉ. बृजमोहन जावलिया, डॉ. महेन्द्र भाणावत के साथ शहर के अन्य साहित्यकारों के सानिध्य में स्मृति सभा का आयोजन किया गया। प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि शेखावत राजस्थानी भाषा की डींगल पींगल शेली के विख्यात विद्ववान थे इनके द्वारा लगभग 45 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। जिसमें राजस्थानी निबंध संग्रह, साहित्य सम्पदा, पूजा पांव, कविसरा, राजस्थानी वांता, राजस्थानी भील गीत, अजीत विलास, कह वाट विलास प्रमुख थी। आपने राजस्थानी वीर गाथाओं, विरोचित घटना एवं उनके उपप्रेरक नायकों से सम्बंधित प्राचीन साहित्य की सैकड़ों पाण्डुलिपियों के सम्पादन एवं लेखन का कार्य किया था। डॉ. देव कोठारी ने कहा कि शेखावत 1957 से 1963 तक विद्यापीठ के साहित्य संस्थान में अपनी सेवाएं दी तथा आपको अनेक साहित्यिक पुरस्कारों से नवाजा गया था।