उदयपुर। किसी व्यक्ति का संस्था से जुड़ना लगन, मेहनत एवं समर्पण भाव से कार्य करने से व्यक्ति तथा संस्था दोनों की तरक्की होती है। समाज में सेवा करने की भावना संस्था में रहकर की जा सकती है।
जनुभाई के जनशिक्षण, सतत् शिक्षक का कार्य जो आदिवासी पिछडे गरीबों के लिए है उसे सतत रूप से आगे चलाने का कार्य कार्यकर्ताओं का है। ये विचार शुक्रवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने श्रमजीवी महाविद्यालय के पुस्तकालय अध्यक्ष कन्हेयालाल वैष्णव के अभिनन्दन समारोह में व्यक्त किए। समारेाह की अध्यक्षता डॉ. सुमन पामेचा ने की। समारोह में अतिथियों द्वारा को उपरणा, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।