लायन्स क्लब उदयपुर द्वारा केन्द्रीय जेल में कवि सम्मेलन
उदयपुर। लायन्स क्लब उदयपुर द्वारा केन्द्रीय जेल में नववर्ष पर कैदियों के मनोरंजनार्थ कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें हास्य रस के कवियों द्वारा प्रस्तुत की गई रचनाओं का कैदियों ने जमकर आनन्द लिया।
कवि सम्मेलन में कवि प्रकाश नागौरी ने कहा कि लोग ओलम्पिक में मेडल पाने के लिए लड़ रहे है, उत्तरप्रदेश में पिता-पुत्र साईकिल के लिए लड़ रहे है…., अन्य रचना में कहा कि जिनको रहना था घरों में क्यू यहां आ गये, जिन्दगी मिठी मिली पर, स्वाद खट्टा पा गये, सफर पर जाने से पहले ही जो थक कर चूर है, पास मंजिल के वो कैसे है, जो खुद से दूर है, कारण, अकारण, क्रोध में पाप जो कुछ भी हुआ, रोक कर बहती नदी, भरने लगे अपना कुआं, सूर्य को छूने की चाहत में हुआ जो अनछुआ, उन सभी के वास्ते मैं कर रहा हूं ये दुआ, शाख पर जो उंगते है उन सभी को हौसला दे, हे खुदातू कर्मवीरों को जरा सा हौंसला दे…., हास्य कवि डाडम चन्द डाडम ने कहा कि नव वर्ष तुम ऐसे आना, खुश हो जाये सारा जमाना.., जो- जो बाल विवाह कर रिया है, वी दो-दो जिंदगी नीलाम करि रिया है.. आदि अन्य रचनाओं से कैदियों को हास्य से लोटपोट कर दिया।
शायर मुश्ताक चंचल ने कहा कि माहौल में आलू की है किस कदर चंचल, रोगी के साथ डॉक्टर भी खांसता मिले.., कवि वाणी गौरव गोलछा ने रचना में कहा घुटने-घुटने चलते न जाने कब खड़ा हो गया, आप लोगों ने कंधे पर बिठाया और मैं बड़ा हो गया..आदि रचनाओं ने जेल में उपस्थित हजारों कैदियों ने इस हास्य कवि सममेलन का जमकर आनन्द लूटा।
क्लब अध्यक्ष पूनम लाडिया ने बताया कि जेल में बंद कैदियों के लिये इस प्रकार का हास्य कवि सम्मेलन उनके जीवन में नई रोशनी का उजाला करेगा। इन कैदियों को पुनः समाज की मुख्य धारा में लाने से समाज का चहुंुमुखी विकास होगा। इस अवसर पर जेल अधीक्षक प्रीता भार्गव, सचिव एसएल काबरा, शैलेष व्यास, एसएस माण्डावत, किशन मेहता, विजया शर्मा, स्नेहलता माण्डावत सहित हजारों कैदी मौजूद थे। प्रारम्भ में पूनम लाडिया ने कवियों एवं जेल अधीक्षक प्रीता भार्गव का स्वागत किया।