श्री महावीर युवा मंच संस्थान की ओर से 131 प्रतिभाओं का सम्मान
उदयपुर। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी शर्मा ने कहा कि शिक्षा तो रूपांतरण का माध्यम है, किसी डिग्री का नहीं। इसके तीन स्वरूप हैं। जिसका शत प्रतिशत रूपांतरण हुआ है, वह श्रेष्ठता का प्रतीक है। वह जिस भी क्षेत्र में है, उत्कृष्ट ही होगा। फिजीकल, वाइटल और मोरल एज्यूकेशन। तीनों स्वरूपों में साम्य, संतुलन होना चाहिए तभी सर्वांगीण विकास हो सकता है।
वे अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में श्री महावीर युवा मंच संस्थान की ओर से आयोजित सकल जैन समाज की 131 प्रतिभाओं के 22 वें सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। अध्यक्षता एमपीयूएटी के कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद भंवर सेठ थे।
शर्मा ने कहा कि शिक्षा में पूर्णता है। चाहे पद मिले या नहीं लेकिन व्यक्ति निरंतर अग्रसर ही रहेगा। श्रेष्ठता प्रभावशीलता से और प्रभावशीलता कार्यकुशलता से आती है लेकिन कार्यकुशलता कार्य करने की क्षमता से आती है और कार्य करने की क्षमता अपने प्रयत्नों से आती है। ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों के जीवन में गहराई तक प्रभाव पड़ता है।
अध्यक्षता करते हुए एमपीयूएटी के कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि इस तरह प्रतिभाओं का सम्मान एक प्रेरक कार्य है। संस्थान के मुख्य संरक्षक फत्तावत स्वयं शिक्षक हैं और आज भी क्लासेज लेते हैं। बच्चे पढ़ाई के साथ अपनी शारीरिक क्षमताओं पर भी ध्यान दें। एक बार साइंस अवश्य लें। उसके बाद चाहें तो कॉमर्स या आर्ट्स ले सकते हैं लेकिन आर्ट्स लेने के बाद आप कॉमर्स या साइंस में नहीं जा पाते हैं। एनसीसी या एनएसएस जरूर ज्वाइन करें। पढ़ाई के साथ ओवरऑल डवलपमेंट होना चाहिए।
शिक्षाविद भंवर सेठ ने कहा कि बच्चे अपनी प्रतिभा/योग्यता के माध्यम से यह दिखा रहे हैं कि उन्हें अपने माता-पिता और शिक्षकों से क्या मिला है। मां-बाप बच्चों के लिए काफी सेक्रीफाइस करते हैं। सम्मान इसलिए किए जाते हैं ताकि आप इन्हें याद रखें और अपने समाज, घर, परिवार के प्रति कर्तव्यों को कभी भूले नहीं। आज के बच्चों में आत्मविश्वास काफी बढ़ा है।
संस्थान के मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने संस्थान की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिभाओं का सम्मान करने का हमारा उद्देश्य है कि उन्हें अपने राष्ट्र, समाज और परिवार के प्रति कर्तव्य याद रहें। भविष्य में किसी भी क्षेत्र में जाएं लेकिन घर-परिवार के साथ समाज और देश सेवा का भी मन में ख्याल रहे। संस्थान के माध्यम से प्रत्येक लीप ईयर में सकल जैन समाज का सामूहिक स्वामी वात्सल्य, अब तक प्रतिवर्ष किए जाने वाले सामूहिक विवाह आयोजन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा मिला है तो नर्सेज से लेकर पीएचडी तक उसका लाभ उठाना चाहिए। बच्चों के लिए कैरियर गाइडेंस शिविर का भी आयोजन हम करते हैं।
प्रतिभाओं का सम्मान तीन चरणों में किया गया। पहले चरण में बारहवीं में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों का, दूसरे चरण में सीए/सीएस उत्तीर्ण करने वाले तथा तीसरे चरण में पोस्ट ग्रेज्यूएशन व अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियां अर्जित करने वाली प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। प्रतिभाओं को सम्मान में तिलक लगा उपरणा ओढ़ा श्रीफल भेंटकर स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। अतिथियों का मेवाड़ी पगड़ी, उपरणा एवं स्मृति चिन्ह से सम्मान किया गया।
सममानित होने वालों में प्रथम चरण में बारहवीं में 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले निकिता लूंकड़, इशिता हिंगड़, महावीर कोठारी, अविशा जैन, सृष्टि जैन, देशना नाहर, कृतिका लोढ़ा, पीयूष नाहर, साक्षी दक, सलोनी लोढ़ा, पुनीत गलुण्डिया, पलाश धाकड़, हर्षिता कोठारी, खुशदीप मेहता, पुष्य सिंघवी, नमन जैन, मिलन पोखरना, गर्वित हरन, महक संचेती, भाविक जैन, नीलाशी धाकड़, मानसी कोठारी, जतिन नाहर, जैनिसा भाणावत, आकाश जैन, लक्षिता गांधी, सार्थक जैन, दिव्यांश मेहता, हर्षिल सामर, हर्षिता कोठारी, प्रतीक आंचलिया, रिया कटारिया, विनीक्षा जैन, युक्ति कोठारी, लविश तलेसरा, रक्षिता पोरवाल, भितिक सेठिया, बधाई मुर्डिया, यश पोरवाल, प्रियांक भाणावत, विभा मेहता, कुमुद डांगी, दिव्यांशु सिंघवी, हिमांशु जैन, आंशी मेहता, हर्षिता नलवाया, वैभव जैन, महिमा जारोली शामिल हैं।
इसी प्रकार दूसरे चरण में सीए/एस में सुरभि कोठारी, प्राची मेहता, रूचिका बाफना, अंकिता मोगरा, भव्या धाकड़, रौनक जैन, अभिलाष जैन, अंकिता जैन, हिमांशु लोढ़ा, रजत बड़ाला, श्रद्धा मेहता, तरुणा खोखावत, दीक्षा जारोली, अर्पित लोढ़ा, विशाल जैन, हिमानी चौधरी, प्रिया चपलोत, रौनकसिंह मेहता, पावन सुराणा, मोहित वाणावत, प्रकृति धींग, रिमिका तलेसरा, नेहा जैन, भाविनी लोढ़ा, नेहा बापना, सौरभ जैन, आंचल जैन, प्रतीक मेहता, श्रेयांसी जैन, अविना नागौरी, निखिल चित्तौड़ा, कनिका गांधी, हर्षिल गांधी, सावन मारू, नेहा जैन , सिद्धार्थ जैन एवं हर्षिता जैन शामिल हैं।
तीसरे चरण में पोस्ट ग्रेज्यूएट में प्रिया डागलिया, स्वाति धाकड़, रितु जैन, निशा पोखरना, विनिया जैन, रीना जैन, विशेष उपलब्धि में आस्था चौधरी, इंद्रा भंडारी, यश जैन, बीटेक एवं एमटेक में अंकुश कोठारी, दिव्यांश बोरदिया, जूही चपलोत, लविश कोठारी, प्रियांशी कावड़िया, प्रेक्षा बोहरा, प्राची मारू, रंजना सिसोदिया, पल्लवी कोठारी, स्वर्णिमा धाकड़, अक्षेश दोशी, सौरभ सिंघवी, मानसी खमेसरा, सृष्टि लुंकड़, सिद्धि दुग्गड़, श्वेता भेरविया, सुनील पामेचा, कीर्ति जैन, निधि जैन, ध्रुव गेलड़ा, नेहल सिरोया, डॉ. प्रमिला जैन, डॉ. समता लोढ़ा, ममता जैन, जिशिका छाजेड़, मयंक पटवा, आदर्श जैन, पलाश पगारिया, मुकेश जैन, डॉ. विद्या जैन, कमल रांका, तुषार रांका, भूमिका रांका, डॉ. श्वेता जैन, गर्विता पामेचा, पीयूष कुमार, कृति जैन शामिल हैं।
आरंभ में स्वागत उद्बोधन संस्थान के अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश चोरडिया ने दिया। संचालन सोनिका जैन ने किया तथा आभार संस्थान के महामंत्री अशोक कोठारी ने व्यक्त किया। मंगलाचरण विजयलक्ष्मी गलुण्डिया एवं समूह ने किया। अंत में आचार्य महाश्रमण के विद्वान शिष्य पृथ्वीराज मुनि ने मंगल पाठ सुनाया। कार्यक्रम संयोजक सुनील मारू रहे।