राजपूत महासभा का सम्मेलन व शपथ ग्रहण समारोह
उदयपुर। जिस तरह महराणा प्रताप ने धर्म की रक्षा के लिए सभी कोम को साथ लेकर चले और दृढ़ संकल्पित होकर शौर्य-वीरता का परिचय दिया, वह आज इतिहास में वीर पुरुष के नाम से जाना जाने लगा। इसी तरह राजपूत समाज के युवाओं को भी धर्म की रक्षा के लिए सभी वर्गों को साथ लेकर आगे बढना होगा। ये विचार समाजसेवी मनोहरसिंह कृष्णावत ने व्य क्तथ किए।
वे रविवार को सकल राजपूत महासभा मेवाड़ के पहले देहात सम्मेलन एवं शपथ ग्रहण समारोह अध्यक्षता करते हुए सम्बोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि देहात कांग्रेस अध्यक्ष एवं समाज के वरिष्ठ लालसिंह झाला ने कहा कि शिक्षा से ही समाज का विकास संभव है।
मुख्य अतिथि गिर्वा प्रधान तखतसिंह शक्तावत ने कहा कि समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए हमें एकजुट होना होगा। इसके लिए हमें एक-दूसरे पर विश्वास कायम करना होगा। एक जाजम पर आकर चर्चा करनी होगी, तभी बुराइयों को समाज से बाहर कर सकेंगे। शक्तावत ने बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार की सीख देने पर भी जोर दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में महाराणा प्रताप के तस्वीर को माला अर्पण कर दीप प्रज्जवलन किया गया। स्वागत उदबोधन महासभा के संस्थापक तनवीर सिंह कष्णावत ने छप्पन मेवल व वागड तथा मेवाड़ के युवाओं सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने और उन्हें एक सूत्र में बांधने के लिए नवगठित महासभा के सदस्य बनकर संगठित होना चाहिए; उन्होंने कहा कि मेवाड में देश के किसी भी भाग से आए राजपूतों को एक जाजम पर लाकर उनके दुख-सुख के भागीदार बनने के उद्देश्य से इस महासभा का गठन किया गया है। कार्यक्रम में समाजसेवी अशोकसिंह मेतवाला, शिवदान सिंह देवडा, समाजसेवी भभूत सिंह सिसोदिया ने विचार व्यक्त किए।
एम्बुलेंस सेवा की घोषणा : तनवीर सिंह कृष्णावत ने समारोह में सकल राजपुत महासभा की ओर से आमजन की सुविधा के लिए एम्बुलेंस देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगला सम्मेलन मई में सलूम्बर में होगा। संचालन देहात वरिष्ठ उपाध्यक्ष जवान सिंह जावद, शहर उपाध्यक्ष प्रेम सिंह सिसोदिया ने किया। धन्यवाद देहात अध्यक्ष गोपाल सिंह तितरडी ने दिया।