उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के विद्वान शिष्य शासन श्री मुनि रवीन्द्र कुमार ने आत्मा की सुरक्षा के लिए बाहरी आकर्षणों को विराम देकर अन्तर्मुखी बनने की प्रेरणा दी।
होली चातुर्मास के अवसर पर रविवार को तेरापंथ भवन में आयोजित विशेष धर्मसभा में उन्होंने होली से सम्बन्धित जैन व वैदिक पौराणिक आख्यानों की चर्चा की तथा बाहरी होली से विरक्त होकर आध्यात्मिक होली मनाने का आह्वान किया।
मुनि पृथ्वीराज ने लेश्या ध्यान तथा चैतन्य केन्द्रों पर अलग अलग रंगों के ध्यान द्वारा अपने आप से होली खेलकर पर्व को सार्थक बनाने की प्रेरणा दी। सभा के मंत्री राजेन्द्र कुमार बाबेल ने बताया कि मुनि अतुल कुमार ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए भगवान नेमिनाथ का स्तवन प्रस्तुत किया। शांति मुनि, सभा के पूर्व अध्यक्ष शांतिलाल सिंघवी एवं भूषण जैन ने अपने भावों की प्रस्तुति दी।