जयपुर पिंक और मंगलमयी का साझा आयोजन
उदयपुर। मंगलमयी एंव जयपुर पिंक की ओर से 106 वर्षीय समृद्ध राजस्थान की शाही परम्परा के अनुरूप पौशाक को दिग्दर्शित करने वाली राजस्थानी रजवाड़ा परिधानों की तीन दिवसीय प्रदर्शनी आज हरिदास जी की मगरी स्थित शंभू निवास में प्रारम्भ हुई। जिसका उद्घाटन निवृत्ति कुमारी मेवाड़ ने किया।
मंगलमयी के प्रबन्ध निदेशक संदीप बुरड़ ने बताया कि पिछले 106 वर्षो से जयपुर में राजपूती परिधानों का निमार्ण कर रहे मंगलमयी एंव जयपंर पिंक ने पहली बार उदयपुर में राजस्थानी परंपरागत परिधानों प्रदर्शनी लगाकर राजपूती परिधानों की नवीन श्रृख्ंाला प्रदर्शित की है। प्रदर्शनी 7 अप्रेल तक जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में बनारस के हथकरघा से टिशू कपड़े पर तैयार की गई मनोरम दस्तकारीयुक्त पोशाकेां और साडियों का नया संग्रह आमजन को आकर्षित करने में सफल होगा। बनारस के हथकरघों से टिशू कपड़ों पर की गई महीन गहन दस्तकारी पोशाकों की सुन्दरता में चार चंाद लगा रही है। प्रदर्शनी में मंगलमयी की खासियत जरदोजी, आरी, गोटापत्ती और डंाका के वर्क की हेण्ड डाईड रंगीन शिफॉन साड़ियों के साथ-साथ रेशम और ब्रोकेड में पोशाक भी शामिल हैं जो दूर से ही सभी को आकर्षित करती है।
जगत निवास पैलेस की जया शक्तावत ने बताया कि इस प्रदर्शनी में पुरातन पारम्परिक पौशाक निर्माण की पद्धति को समाहित करते हुए इस दस्तकला को संजोये रखने का प्रयास किया गया हैं। जिसे आमजन देखना, खरीदना पसंद करेंगे क्योंकि यह आज के समय में अदभुद् एवं अकल्पनीय है। मंगलमयी न केवल कला के सचमुच पुराने वस्त्रों के रखरखाव पर ही स्वामी हैं बल्कि उन लोगों के पास बेहतरीन कौशल भी हैं जो उत्पादों को बनाने के लिए पारंपरिक तरीके और डिजाइन का उपयोग करते हैं और यह गुणवत्ता कुछ ऐसा है जो आपको आज के समय में नहीं मिलती है।
मंगलमयी के प्रबन्ध निदेशक संदीप बुरड़ ने बताया कि यह मेरे लिए सम्मान का अवसर था मंगलमयी ने निवृत्ति कुमारी मेवाड़ के लिए वैवाहिक पौशाक की डियाइनिंग कर निर्माण किया था। इसमें छह माह का समय लगा और हमने डंक एमब्रोडी का प्रयोग किया जो अपने आप में अद्भूत है।
प्रदर्शनी जयपुर पिंक के विभिन्न रंग एवम् कलात्मक पोशाकों को प्रदर्शित किया है। इसमें मुगल चित्रकारी, विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इस प्रदर्शनी में बंगाल के हथकरघा द्धारा निर्मित विभिन्न प्रिन्टों का भी प्रदर्शन किया गया है। जो वहां की एमब्रोडी कला को विश्व में ख्याति दिया रही हैं । जिसमें मूलतया कपास से निर्मित कुशन भी है। यह प्रदर्शनी आमजन के लिए प्रातः 11 बजे से सायं 7 बजे तक खुली रहेगी।