उदयपुर। बैंक हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा हो चुके हैं एवं खासतौर पर नोटबंदी के बाद भारत सरकार द्वारा भी डिजीटल लेन देन को प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे सभी को बैंक से जुडना अनिवार्य हो चुका है।
ये विचार गुरूवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विष्वविद्यालय संघटक स्किल डवलपमेंट इस्टीट्यूट की ओर से बैंकिंग एवं फाइनेंस के क्षेत्र में केरियर विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमीनार के पहले दिन मुख्य वक्ता के रूप में नई दिल्ली से आये बैंकिंग इंडस्ट्री के एक्सपर्ट धीरज असवानी ने कहे।
उन्हों्ने कहा कि युवाओं के लिए आज के दौर में बैकिंग सेक्टर में नौकरी तथा केरियर ग्रोथ की अपार संभावना है। कुछ समय में कई सूक्ष्म तथा मध्यम वर्ग के बैंक बाजार में आये हैं जिससे ये संभावनाए ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच गई है। बैंकिग ऐसा क्षेत्र है जहां व्यक्ति स्थाई वेतन के साथ साथ कार्यक्षमता तथा अभिवृति के अनुरूप अच्छे परिलाभ हासिल कर सकता है।
असवानी ने कहा कि देश की 85 प्रतिशत जनता का बैंकिग एवं फाइनेंस की सेवा से किसी न किसी प्रकार का काम पड़ता ही हैंा आज केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से आमजन के लिए जितनी भी योजना बनाई जा रही है उन योजनाओं को किसी न किसी रूप से बैंकों से अवष्य ही लिंक किया गया है जिससे आम जन में पारदर्षिता की भावना बनी रहे। इन्ही सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आज युवाओं का बैंकिंग एवं फाईनेंस के क्षेत्र में रोजगार का रूझान बड़ा है। इस सेवा में कम खर्च एवं कम समय के अंदर इस क्षेत्र में रोजगार पा कर युवा अपने पेरो पर खड़ा हो सकता है। उन्होने कहा कि कोई भी छात्र छात्रा स्नातक की पड़ाई कर इस क्षेत्र में रोजगार पा सकता है। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. मंजू मांडोत ने कहा कि आज पूरा बैंक मोबाईल के द्वारा हमारी जेब मे समा गया है। उन्होने कहा कि आज का युवा डिजीटल इंडिया की ओर अग्रसर हो रहा है वे अपने हर कार्य नेट के द्वारा करने को प्राथमिकता देते है। संयोजक एवं स्किल इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वम भूषण मेहता ने किया।