हेनीमेन जयन्ती मनाई
उदयपुर। होम्योपैथी सस्ती इलाज की पद्वति है जिसमें गरीब से लेकर मध्यम श्रेणी के लोग इलाज कराते हैं। इस पद्वति में असाध्य रोगों का इलाज किया जाता है। इलाज में खर्च भी बहुत कम लगता है एवं होम्योपेथिक दवा का शरीर पर दुष्प्रभाव भी नही पड़ता है।
ये विचार सोमवार को कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से होम्योपैथ के जन्म दाता सेम्युल हेनीमेन के 262 वें जन्म दिवस पर आयोजित समारोह में व्यक्त किये । अध्यक्षता करते हुए सेवानिवृत्त आईएएस आरपी श्रीवास्तव ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा पद्वति के ओर अधिक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंनेे चिकित्सकों से आह्वान किया कि गरीबों के साथ-साथ अल्प आय वर्ग के लोगों को भी इसका लाभ प्रदान करें। उन्होंने कहा कि जहां ऐलोपेथ खत्म होता है वहां होम्योपैथ शुरू होता है। होम्योपैथी में त्वचा संबंधी रोग, अस्थमा, पथरी, कडनी व अस्थि रोग में कारगर सिद्व है। हेनीमेन की तस्वीर पर सभी दीप प्रज्जवन एवं पुष्प अर्पित किये। प्रारम्भ में स्वागत उद्बोधन प्राचार्य आमिया गोस्वामी ने दिया । डॉ0अनिल ध्रुव, डॉ. राजन सूद, डॉ. लिली जैन, डॉ. अनिल तोमर, डॉ. नाजिमा परवीन, डॉ. दिनेश चन्द्रा, एजाज हुसैन, डॉ. एजिठा रानी ने भी विचार व्यक्त किये। प्रथम वर्ष की छात्रा महिमा दवे व प्रणाली सोनी ने हेनीमेन के बारे में बताया । धन्यवाद डॉ. नवीन विश्नोई ने दिया।