नोट बांटने वालों पर कितना भरोसा करे जनता
उदयपुर। उदयपुर सांसद द्वारा पत्रकारों को नोट बांटने की खबरों के बाद जनता में यह सवाल उठ गया है कि वह ऐसे जनप्रतिनिधियों पर कैसे और कितना भरोसा करे।
उल्लेाखनीय है कि गत दिनों उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा पर पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को लिफाफे में पांच-पांच सौ रूपए के नोट बांटने का आरोप लगा था जिसका कुछ पत्रकारों ने हाथों हाथ विरोध भी किया तो कुछ ने लिफाफे जेब में भी रख लिए बताए। हालांकि सांसद का कहना था कि वे तो वहां से निकल गए थे बाद में उनके पीए ने क्याए किया, उन्हेंथ नहीं मालूम।
चर्चा है कि अगर पीए ने उनके बिना पूछे लिफाफे बांटे तो बाद में उन्होंिने पीए के खिलाफ क्यां कार्रवाई की। अगर नहीं की इसका मतलब वे भी उस मिलीभगत में शामिल हैं। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के मोहम्मद छोटू कुरैशी ने आरोप लगाया कि भाजपा के एक सांसद की इस करतूत को मीडिया ने उजागर किया है, लेकिन भाजपा की तरफ से इस पर कोई कार्रवाई नहीं किया जाना साफ जाहिर करता है कि भाजपा मीडिया को मैनेज करने की मंशा रखती है। उत्तरप्रदेश चुनाव में भाजपा पर मीडिया को मैनेज करने के आरोपों का बड़े नेता भले ही खण्डन करते रहे हों, लेकिन उदयपुर सांसद के इस कृत्य से यह बात साबित हो रही है, क्योंकि उदयपुर सांसद तीन साल की अपनी कोई उपलब्धि तो बता पाए नहीं, ऐसे में और करते भी क्या।