गुरू पुष्कर जैन तीर्थ पावनधाम में हुआ पारणा महोत्सव
उदयपुर – श्रमण संघ के उपाध्याय पूज्य गुरू पुष्कर मुनि म.सा. की जन्मस्थली सेमटाल में स्थित श्री गुरू पुष्कर मुनि जैन पावनधाम में पारणा महोत्सव सम्पन्न हुआ। जिसमें 41 श्रावक-श्राविकाओं को वर्षीतप का पारणा करवाया गया।
पारणा महोत्सव के अवसर पर महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि म.सा., राजस्थान सिंहनी उपपर्वतनी महासती चारित्रप्रभा म.सा., जिनशासन गौरव मंगलज्योति म.सा., रूचिका म.सा., राजश्री म.सा. व प्रक्षा म.सा. के सानिध्य में कई कार्यक्रम सम्पन्न हुए। पावन धाम में स्वागत भवन के उद्घाटन, प्रवर्चन व पारणा के साथ नवनिर्मित अतिथि भवन की द्वितीय मंजिल व पुस्तकालय भवन की बोलियां भी लगाई गई।
दोशी परिवार ने किया स्वागत भवन का उद्घाटन
पारणा महोत्सव के अवसर पर पावनधाम में नवनिर्मित स्वागत भवन का उद्घाटन किया गया। सायरा उपतहसील क्षेत्र के कमोल गांव के बाबु लाल दोशी, रमेश कुमार दोशी, सुभाष कुमार दोशी, मयुर कुमार दोशी, अशोक कुमार दोशी, रूपचन्द मादरेचा, सुख लाल मादरेचा व दिनेश कुमार मादरेचा ने उद्घाटन किया।
मंगलाचरण व ध्वजारोहण के साथ शुरू हुए मुनिजनों के प्रवर्चन
पावनधाम परिसर में लगाए गए विशाल पाण्डाल में अतिथियों व श्रावक श्राविकाओं को महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि म.सा., राजस्थान सिंहनी उपपर्वतनी महासती चारित्रप्रभा म.सा., जिनशासन गौरव मंगलज्योति म.सा, रूचिका म.सा., राजश्री म.सा. व प्रक्षा म.सा. ने अपने प्रवर्चनों से लाभान्वित किया। प्रवर्चन से पूर्व ललित ओरड़िया की धर्मपत्नि निर्मला ओरड़िया ने मंगलाचरण ‘‘गुरू पुष्कर नाम दिपाया’’ गाकर की। मंगलाचरण के बाद ढ़ोल के रामचन्द्र मादरेचा, तिलक कुमार मादरेचा व रूपेश मादरेचा ने ध्वजारोहरण किया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता ढ़ोल के बाबू लाल दोशी ने की। इस दौरान अथिति के रूप में प्रधान पुष्कर तेली, वरिष्ठ एडवोकेट कमलेश शर्मा, भाजपा के नान्देशमां मण्डल अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह झाला, किसान युवा मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष नवल सिंह राजपूत को मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर व शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। प्रवर्चन कार्यक्रम में अतिथि व सैकड़ों श्रावक व श्राविकाएं मौजूद थी।
राजश्री म.सा. ने कहा कि दूध को गर्म करने के लिए तपेले का आधार चाहिए, तपेले का आधार गर्म होता है तब ही दूध गर्म हो पाता है उसी प्रकार आत्मा को पवित्र करने के लिए शरीर को तपना पड़ता है। उन्होंने कहा कि त्याग से जीवन उन्नत बनता है। जिससे छूटता है वो रागी कहलाता है और जो छोड़ देता है वो त्यागी कहलाता है। गौतम बुद्ध ने त्यागा तो उन्हें अक्षय सुख की निधि मिल गई।
प्रवर्चन के दौरान पूज्य रमेश मुनि ने ट्रस्ट कार्यकारिणी को बधाई देते हुए 45 वर्षीतप पारणा की अनुमोदना की। वहीं महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि ने आराधकों की प्रशंशा करते हुए सर्वजन को तप की ओर बढ़ने का संदेश दिया। उप पर्वर्तिनी चारित्रप्रभा म.सा., मंगलज्योति म.सा, रूचिका म.सा. और प्रक्षा म.सा. ने भी प्रवर्चनों से लाभान्वित किया।
पुस्तकालय की बोली 7 लाख 51 हजार वहीं द्वितीय तल की भी लगी
प्रवर्चन के दौरान महाश्रमण उपपर्वतक जिनेन्द्र मुनि ने अतिथि भवन की द्वितीय मंजिल व पुस्तकालय के लिए बोलियां आरम्भ करवाई। पुस्तकालय के लिए 5 लाख 55 हजार 555 रूपए से बोली आरम्भ की गई। ब्यावर के माणकचंद दुग्गड़ द्वारा सर्वाधिक 7 लाख 51 हजार रूपए की बोली लगाई गई। अतिथि भवन की भी बोली लगी।
ओरड़िया को किया याद : पारणा महोत्सव के दौरान आचार्य देवेन्द्र मुनि व स्व. मांगी लाल ओरड़िया को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उल्लेखनीय है कि इस दिन श्रमण संघ के तृतीय पट्धर आचार्य देवेन्द्र मुनि म.सा. की 19वीं पुण्यतिथि थी, वहीं पावनधाम के लिए सक्रियरूप से कार्य करने वाले स्वर्गीय मांगी लाल ओरड़िया की 9वीं पुण्यतिथि भी थी। इस मौके पर राजश्री म.सा. ने स्व. मांगी लाल ओरड़िया को दशरथ की भांति बताते हुए उनके चारों पुत्रों को दशरथ के पुत्रों के समान बताया।
ट्रस्ट ने किया स्वागत : इस दौरान श्री पुष्कर तीर्थ पावनधान ट्रस्ट के अध्यक्ष ललित ओरड़िया (वास), मंत्री सुख लाल मादरेचा (ढ़ोल), कोषाध्यक्ष नाथू लाल चपलोत (सायरा), उपाध्यक्ष रमेश बी दोशी (कमोल), उपाध्यक्ष मीठा लाल सोलंकी (नान्देशमां), सहमंत्री बसंती लाल भोग (जसवंतगढ़), भंवर लाल तातेड़ (गोगुन्दा) ने सभी अतिथियों, आराधकों, आगन्तुकों व श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत किया गया।
इन्हें करवाया पारणा : विकास ज्योति म.सा. व महिमाश्री म.सा. ने वर्षीतप किया था वहीं रूचिका म.सा. ने एकासन वर्षीतप किया। सिंघाड़ा, सायरा, सेमड़, पदराड़ा, कमोल, ढ़ोल, तरपाल, रावलिया कलां, जसवंतगढ़, गोगुन्दा, नान्देशमां, करदा, उदयपुर, डबोक, देबारी व चित्तौड़ के 38 आराधकों ने भी वर्षीतप किया। पारणा महोत्वस में सभी 45 आराधकों को ढ़ोल के रामचन्द्र मादरेचा, तिलक कुमार मादरेचा व रूपेश मादरेचा ने इक्षुरस पिलाकर हर्षोल्लास के साथ पारणा करवाया। वहीं आराधकों ने उप प्रवर्तक महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि, रमेश मुनि, उप प्रवर्तिनी चारित्रप्रभा मसा सहित मुनिजनों को इक्षुरस पिलाकर पारणा किया।