स्मार्ट सिटी में हर रविवार को हों इस तरह के आयोजन : कोठारी
उदयपुर। इंसान जब भी कुछ नया देखता है तो उसे उसके बारे में जानने की ललक रहती है। ज़ुम्बा का नाम भी पहली बार सुना था और इसे करके देखा तो काफ़ी सहज और आनंददायक महसूस किया।
ऐसे आयोजन हर रविवार को हमारे शहर में होने चाहिए ताकि हर इंसान कुछ ना कुछ नया सीखे। यह विचार महापौर चंद्रसिंह कोठारी ने लेनी भट्ट डांस एकेडमी द्वारा आयोजित ज़ुम्बा डांस सेशन में व्यक्त किए। इंटरनेशनल डांस डे पर आयोजित इस ज़ुम्बा सेशन में, महापौर सहित उदयपुर के कई युवाओं ने जमकर ज़ुम्बा डांस का लुत्फ़ उठाया। सुबह 6 बजे, रानी रोड स्थित यूआईटी के ओपन जिम में आयोजित इस कार्यक्रम में युवाओं का उत्साह देखते ही बनता था। लेनी भट्ट डांस एकेडमी की सह-संस्थापक करिश्मा ने बताया कि ज़ुम्बा केवल डांस नहीं, बल्कि एक अनुभव है, जो सिर्फ़ इसे करके ही महसूस किया जा सकता है। हमने इस प्रोग्राम के आयोजन का प्रचार सोशल मीडिया के ज़रिए ही किया जिस कारण युवाओं की अधिक भागेदारी रही किंतु ज़ुम्बा, व्यायाम का एक ऐसा रूप है, जिसे हर उम्र का व्यक्ति बहुत ही आसानी से कर सकता है। ज़ुम्बा सिर्फ़ डांस नहीं होकर एक प्रकार का व्यायाम है जिससे शरीर को फिट रखने के साथ-साथ मानसिक संतुष्टि भी मिलती है।
एक घंटे के इस सेशन का लुत्फ़ रानी रोड पर मॉर्निंग वॉक करने वालों के साथ-साथ ओपन जिम में कसरत करने आए लोगों ने भी उठाया। इस अवसर पर आए युवाओं ने कहा कि आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में थकावट भरे व्यायाम से हर कोई बचना चाहता है लेकिन इस तरह के व्यायाम से ना केवल आपका शरीर चुस्त बल्कि दिमाग़ भी तंदरुस्त रहता है। इस मोबाइल और इंटरनेट के युग में लोग सिर्फ़ सोशल नेटवर्क पर एक दूसरे से जुड़े रहना पसंद करते हैं, लेकिन आज कुछ नया करके, कुछ नये लोगो से मिल के दिन की एक अच्छी शुरुआत हुई। इस अवसर पर लेनी भट्ट डांस एकेडमी की तरफ से शक्ति सिंह, चिरमई नागदा, तनुश्री, योग गुरु विकास सिंह आदि ने सहयोग दिया।
एकेडमी की संस्थापक लेनी नागदा ने बताया कि उनका उद्देश्य डांस को एक थैरेपी के तौर पर उदयपुर में लाना है। कई बड़े शहरों में इसे अपनाया जा चुका है परंतु छोटे शहरों में अभी भी लोग डांस को सिर्फ़ एक कला के तौर पर ही देखते हैं। उन्होने सभी को इंटरनेशनल डांस डे की शुभकामनायें देते हुए कहा कि डांस एक ऐसी कला है जो आपके व्यक्तित्व को निखारता है और साथ ही आपको कई रोगों से दूर रखता है। गौरतलब है की लेनी, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से डांस मूव्मेंट थैरेपी पर पीएचडी कर रही हैं।
क्या है ज़ुम्बा : ज़ुम्बा एक लेटिन अमेरिकी डांस फिटनेस कला है जिसे कोलंबियाई डांसर अल्बेरटो “बेटो” पेरेज़ ने 1990 के दौरान शुरू किया था। इसमे मुख्यतः लेटिन अमेरिकी डांस स्टाइल का इस्तेमाल होता है। इससे शरीर को व्यायाम और दिमाग़ को मानसिक संतुलन मिलता है। इसी कारण गत दिनों रेलवे मंत्रालय द्वारा आयोजित 36 घंटे के स्मार्ट इंडिया हेकेथन में एक घंटे का ज़ुम्बा सेशन रखा गया था ताकि 36 घंटों तक लगातार कार्यशील प्रतिभागियों को मानसिक सुकून मिल सके। उदयपुर सेंटर में हुए स्मार्ट इंडिया हेकेथन में लेनी भट्ट डांस एकेडमी की टीम ने ही ज़ुम्बा सेशन आयोजित किया था।