राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन ने देखा आवासीय शिविर
उदयपुर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन प्रो. बीएल चौधरी ने बच्चों को प्रेरणा देते हुए कहा कि उपनिषद में कहा गया है उठो, जागो और श्रेष्ठजनों के साथ रहकर अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ो। निश्चय ही जिन्दगी में सफलता हासिल करोगे।
वे रविवार सुबह राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से राज्यस्तरीय एवं जिला स्तरीय मेरिट में अपना नाम दर्ज कराने वाले संभाग भर के छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास के लिए गायरियावास स्थित महावीर एकेडमी में लगाए गए छह दिवसीय उन्नयन एवं संप्रेषण कौशल आवासीय शिविर का अवलोकन करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य भर में संभागों पर लगाए गए शिविरों में उदयपुर के शिविर में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं की संख्या सर्वाधिक है।
प्रो. चौधरी ने कहा कि अपना उद्देश्य/लक्ष्य तय करें। उद्देश्य तय करने के बाद उसे पूरा करने के लिए समय प्रबंधन करें। अगर समय प्रबंधन के साथ लक्ष्य पूरा करने की ओर बढ़े तो निश्चय ही लक्ष्य की प्राप्ति होगी। जो कमियां रहीं, उस पर विचार करें और उनकी जिंदगी में पुनरावृत्ति न हो, इसका ध्यान रखें। कॉलेज में जाने के बाद एनसीसी जरूर लें। एनसीसी ‘सी‘ सर्टिफिकेट वालों को सीधे आर्मी में भर्ती मिलेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा बताई गई समस्याएं हमें मालूम है और हम इस ओर काम भी कर रहे हैं लेकिन तत्काल निराकरण संभव नहीं है। नया पाठ्यक्रम भी तैयार है हालांकि एनसीईआरटी से बहुत अलग नहीं है। आपको जो शिविर में किट दिया गया है उसमंे प्रेरक व्यक्तित्व को पढ़ें कि कितनी समस्याओं के बावजूद उन्होंने सफलता हासिल की। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि सौ बार असफल होने के बाद भी सफलता मिलती है। सकारात्मक सोच के साथ बढ़ें, सफल होंगे। नेशनल टेलेंट सर्च के साथ अब राज्य सरकार भी स्टेट टेलेंट सर्च स्पर्धा करवा रही है।
बच्चों के सवाल-जवाब के दौरान प्रो. चौधरी ने कहा कि कॉपी जांचने में लापरवाही बरतने वाले करीब 500 शिक्षकों को बोर्ड ने प्रतिबंधित किया है। उन्होंने कहा कि पुनर्मूल्यांकन की सुविधा इसलिए नहीं दी जा सकती कि करीब 12 लाख बच्चे दसवीं की परीक्षा दे रहे हैं। अगर ये सुविधा आरंभ हो तो अगला सत्र समय पर आरंभ नहीं किया जा सकता इसलिए सिर्फ रिटोटलिंग करवाई जाती है।
शिविर संयोजक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि इससे पूर्व प्रो. चौधरी ने शिविर में बच्चों द्वारा अपने हाथों से बोर्ड शीट पर बनाई गई फोटो फ्रेम का अवलोकन किया और काफी सराहा। बच्चों में जितेन्द्र चारण एवं प्रियल शर्मा ने शिविर के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। इनका कहना था कि जितना सोचा था, शिविर में आने के बाद उससे काफी कुछ अधिक ही मिला। बच्चों ने अपने स्कूल, पाठ्यक्रम की समस्याओं पर भी प्रो. चौधरी से सवाल-जवाब किए। कार्यक्रम में शिक्षा उपनिदेशक भरत मेहता, शिविर पर्यवेक्षक शांतिलाल चौबीसा आदि भी मौजूद थे।
इससे पहले सुबह संगीता पोरवाल ने योग एवं प्राणायाम भी करवाए गए। सुबह के सत्र में विपिन माथुर ने टाइम एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट पर कहा कि तनाव से आप खुद का कितना बड़ा नुकसान कर रहे हैं, आपको अभी मालूम नहीं पड़ता। अपनी समस्याओं को फेमिली मेम्बर्स के साथ शेयर करें। लाइफ के साथ अपना एटीट्यूड बदलें। बाल झड़ने लग जाते हैं, उच्च रक्तचाप से पीड़ित हो जाते हैं, मूड़ खराब होता है, डिप्रेशन में चले जाते हैं। यह समय है आपका कैरियर तय करने का, अपने दोस्त, मोबाइल, कम्प्यूटर्स से खेलने का समय आपको बाद में भी मिलेगा लेकिन कैरियर बनाने का मौका बाद में नहीं मिलेगा। दूसरे सत्र में स्पीड केलकुलेशन के मास्टर राजेन्द्र सोनी ने बच्चों को टिप्स पर बड़ी बड़ी केलकुलेशन करने के कमाल के तरीके सिखाए।
सुबह बच्चों को नारायण सेवा संस्थान के बड़ी स्थित हैल्थ वंडरलैंड का अवलोकन कराया गया। वहां बच्चों ने शरीर की ट्रेन देखी और काफी लुत्फ लिया। संस्थान के संस्थापक कैलाश मानव ने बच्चों का स्वागत किया और उन्हें पूरे वंडरलैंड का दौरा कराया। बाद में बच्चों को सेलिब्रेशन मॉल भी ले जाया गया। शाम को बच्चों के मनोरंजन के लिए उन्हें फिल्म एमएस धोनी एवं बाहुबलि-2 भी दिखाई गई।