हिरणमगरी से. 4 बनेगा संस्कार नगर, आज पंहुचेगी संस्कार यात्रा
उदयपुर। गुरू मां गणिनी आर्यिका 108 सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि बालक जब गर्भ में आता है तभी से वह संस्कार सीखना प्रारम्भ कर देता है और पैदा होने के बाद वह अपने माता-पिता का अनुसरण करता है।
वे आज कानपुर गांव में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। बालक विद्यालय जाता है तो वहां शिक्षक उसे संस्कार देते है। प्रौढावस्था में पंहुचने पर उसे एक श्रेष्ठ गुरू कर आवश्यकता होती है ताकि उनके पास जा कर जीवन में सफलता प्राप्त करने के गुर सीख सकें। उन्होंने कहा कि माता-पिता, शिक्षक एवं गुरू मिलकर एक बालक के श्रेष्ठ एंव संस्कारयुक्त जीवन का निर्माण करते है। उदयपुर नगर प्रवेश समिति सदस्य झमकलाल अखावत ने बताया कि गुरू मां रविवार प्रातः 7.30 बजे हिरणमगरी से.4 स्थित पेट्रोल पम्प पर पदयात्रा के यात्रा करते हुए संस्कार यात्रा के साथ पंहुचेगी।
पार्श्वनाथ क्रांन्ति मंच के अध्यक्ष देवड़ा ने बताया कि से. 4 पंहुचने पर गुरू मां का आकाशीय पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया जाएगा। जहंा एक ओर सूर्यप्रकाश आर्या मंच अपनी महिला टीम के साथ घोष वादन करेगी वहीं दूसरी ओर बाल मण्डल संस्कार धर्म ध्वज लेकर आगे चलेंगे। आशा कंठालिया ने बताया कि सैकड़ों महिलाएं मंगल कलश लिए संस्कार यात्रा के आगे-आगे चलेगी। सुप्रकाश मंच अध्यक्ष राजेन्द्र वेड़ा ने बताया कि मंच के पुरूष सदस्य यात्रा के आगे बुलट मोटरसाइकिल के साथ स्केटिंग करते हुए चलेंगे। ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा संस्कार यात्रा का मार्ग में अनेक स्वागत द्वार लगाकर भव्य स्वागत किया जाएगा। मार्ग में अनेक स्थानों पर संस्कार यात्रा का पुष्पवृष्टि के साथ स्वागत किया जाएगा।