तेरापंथ संतों का व्याख्यान
उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के संतों ने कहा कि संसार में रहने के लिए धन, माया सब चाहिए लेकिन इन सबके साथ धर्म और अध्यात्म की चेतना भी जरूरी है। मन सोया रहेगा तो बाहरी जगत में बहुत कुछ करते हुए भी कुछ नहीं कर पाएंगे।
संतों का रविवार सुबह आदिनाथ नगर में प्रवचन हुआ। शासन श्री मुनि सुखलाल ने कहा कि चातुर्मास पूर्व दो माह तक उपनगरों में विचरण कर रहे हैं। यहां के लोगों में गोगुंदा के निवासियों की बहुतायत है। इतिहास में गोगुंदा महाराणा प्रताप की राजतिलक स्थली के रूप् में प्रसिद्ध है वहीं तेरापंथ धर्मसंघ में इसका अपना ही इतिहास है। कई सुश्रावक-सुश्राविकाएं गोगुंदा ने धर्मसंघ को दिए। ऐसे श्रावकों के प्रति आचार्य का भी मन रहता है। कितने ही तपस्वियों के तप पर यह संघ टिका हुआ है। तप शासन की नींव को मजबूत करते हैं।
मुनि मोहजीत कुमार ने कहा कि हम बाहरी रूप से जागरूक हैं लेकिन आंतरिक रूप से जागरूक होने की जरूरत है। आत्मा एकत्व है। मन का दीप जल जाएगा तो बाहरी प्रवेश प्रभावित नहीं करेगा। इच्छाएं मन के साथ दौड़ती है। धर्म ऐसी शक्ति है जिसे हर क्षण जागरूकता के साथ जीया जा सकता है। मोह-माया/जागरण इनके लिए धर्म प्रेरणा देता है। संसार में आने के बाद पांचों इंद्रियों पर नियंत्रण हो तो मन पर नियंत्रण किया जा सकता है और मन पर नियंत्रण हो जाए तो जीवन की दिशा बदल सकती है।
मुनि रवीन्द्र कुमार ने कहा कि जब तक सम्यक दर्शन नहीं होगा यानी एका नहीं होगा तब तक सब व्यर्थ है। जन्म-मरण का कारण आस्रव है। छह जीव हैं। जीव नहीं दिखता लेकिन उसका शरीर दिखता है। चेतना नहीं दिखती। आचार्य महाश्रमण ने जीवन भर के लिए व्रत (संकल्प) किया। संयम करें, त्याग करें। जितना हो सके, संयम का विकास करें।
तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि छुट्टी का दिन होने के बावजूद यहां एकत्र भीड़ बताती है कि संतों का आगमन लोगों को सत्संग में बुलाता है और उन्हें धर्म के नजदीक आने का अवसर प्रदान करता है। 84 लाख योनियों में एकमात्र मनुष्य योनि है जिसमें व्यक्ति अपनी योनियों का उद्धार कर सकता है। संयम की ओर अग्रसर हों, ज्ञान प्राप्त करें और लक्ष्य अवश्य निर्धारित करें।
बाल मुनि जयेश कुमार ने सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। मुनि जयेश कुमार का आज दीक्षा दिवस होने पर संतों ने उन्हें आशीर्वाद दिया वहीं समाजजनों की ओर से सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने मंगलकामनाएं प्रदान की।
सभाध्यक्ष मेहता ने बताया कि शासन श्री मुनि सुखलाल का प्रवास 19 को पंचरत्न कॉम्पलेक्स, 20, 21 और 22 को महाप्रज्ञ विहार में रहेगा। 23 और 24 को नवरत्न कॉम्पलेक्स में तथा 25 जून को अहिंसापुरी में रहेगा। इनका बिजौलिया हाउस स्थित तेरापंथ भवन में चातुर्मास प्रवेश 2 जुलाई को होगा वहीं शासन श्री मुनि रवीन्द्र कुमार का चातुर्मासिक प्रवेश आनंद नगर में 5 जुलाई को होगा।