सुप्रकाशमति माताजी का ध्यानोदय क्षेत्र में चातुर्मासिक प्रवेश 5 को
उदयपुर। राष्ट्रसंत गणिनी आर्यिका एवं संस्कार यात्रा की प्रणेता गुरू मां सुप्रकाशमति माताजी का बलीचा स्थित 50 हजार वर्गफीट में फैले ध्यानोदय क्षेत्र में 5 जुलाई को चातुर्मासिक प्रवेश होगा। जंहा पर 9 जुलाई को मंगलकलश स्थापना के साथ ही चार माह बहने वाली धर्मगंगा की शुरूआत होगी।
संस्कार यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश गोदावत ने आज यहंा आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि गुरू मां के सानिध्य में 9 जुलाई को ध्वजारोहण के पश्चात गुरू मां द्वारा नवनिर्मित आचार्य धर्मसागर सभागार का उद्घाटन, गुरू दयासागर मंच का अनावरण होगा। इसके बाद प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया एवं संगीतकार हरजीत एण्ड पार्टी की भजनों की प्रस्तुति के बीच 48 दिन चलने वाले रिद्धी-सिद्धी युक्त प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ जिनेन्द्र महाअर्चना भक्तामर महामण्डल विधान प्रारम्भ होगा। प्रथम दिन इस विधान में 108 जोड़ों द्वारा भगवान आदिनाथ की आराधना की जाएगी। इसके बाद मंगलकलश की स्थापना होगी जो चार माह तक अभिमंत्रित करने के बाद चातुर्मास के अंतिम दिनों में किसी एक पुणर्याजक को वह कलश प्रदान किया जाएगा।
संयोजक हीरालाल मालवी ने बताया कि 9 जुलाई को गुरूपूर्णिमा होने के कारण वहंा पर भगवान महावीर के बाद वर्तमान में दिगम्बर परम्परा को पुनजीर्वित करने वाले प्रथम आचार्य शान्तिसागर महाराज का गुरू परम्परानुसार पूजन किया जाएगा। इसके साथ समाधिस्थ आचार्य अभिनन्दनसागर महाराज एवं गुरू मां सुप्रकाशमति माताजी का गुरू पूजन होगा। जिसमें देश भर के गुरू मां के भक्त एवं उदयपुर शहर के महिला मण्डल व युवा मंच के सदस्य भाग लेंगें। गुरू पूजन अलग-अलग द्रव्यों से किया जाएगा।
इस अवसर पर अध्यक्ष राजेश बी.शाह ने बताया कि 15 करोड़ की लागत से बनने जा रहे ध्यानोदय क्षेत्र में 1008 कामधेनु शंातिनाथ भगवान का दिव्य सात शिखरों से उक्त जिन मंदिर निर्माण किया जा रहा है जो वर्ष 2019 तक पूरा हो जायेगा और अगला राष्ट्रीय पंच कल्याणक महांेत्सव यहीं होगा।
मंत्री प्रकाश सिंघवी ने बताया कि ध्यानादेय क्षेत्र में मुख्य ध्यान योग प्राणायाम पर आधारित एक आध्ुानिक वास्तु से उक्त दिव्य ध्यान योग सेन्टर खोला जाएगा।
गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी ने बताया कि भगवान महावीर के केवलज्ञान की प्राप्ति के 66 दिन बाद प्रथम वाणी उपदेशित करने पर 10 जुलाई को धूमधाम से वीर शासन जयन्ती मनायी जाएगी। 30 जुलाई को मोक्ष सप्तमी के अवसर पर भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया जाएगा।जिसमें भगवान पार्श्वनाथ की विशेष आराधना होगी।
उन्होेंने बताया कि 7 अगस्त को वात्सल्य पर्व के रूप में रक्षाबन्धन पर्व मनाया जाएगा।जिसमें अकम्पनाचार्य सहित दिवंगत की उपसर्ग सहने वाले 700 मुनियों की पूजा की जाएगी। 23 अगस्त को 20 वीं सदी के प्रथम दिगम्बर आचार्य शान्तिसागर महाराज का समाधि दिवस मनाया जाएगा।
गोदावत ने बताया कि 26 अगस्त से 5 सितम्बर तक पयुर्षण पर्व के दौरान विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस बार दश लक्षण पर्व 11 दिनों के होंगे। 2 अक्टूबर को गुरू मां का दीव्य ज्योति दिवस के रूप में अवतरण दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। 15 अक्टूबर को गुरू दया सागर समाधि दिवस एवं 19 अक्टूबर को दीपावली के अवसर पर भगवान महावीर का निर्वाण दिवस मनाया जाएगा।
इससे पूर्व आज प्रातः माताजी 7 बजे हि.म. से.11 से विहार कर लेक गार्डन पंहुची। बीच राह में अनेक स्थानों पर पाद प्रक्षालन हुआ। लेक गार्डन पंहुचने पर रामगंज मण्डी से आये त्रिलोक साबला एवं परिवार ने माताजी की पूजा अर्चना की। यात्रा संयोजक प्रकाश सिंघवी ने बताया कि यात्रा का अगला पड़ाव 3 जुलाई को हीरामन टावर स्थित पार्श्वनाथ जिनालय होगा जहंा शाम को भव्य भक्ति संध्या आयोजित की जायेगी।
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