डॉ. प्राची भटनागर
मानसून का सीजन भले ही बहुत खुशनुमा होता है, घूमने जाना, चटपटे व्यंजन खाना और परिवार के साथ छुट्टियां बिताने में बड़ा मज़ा आता है, लेकिनइस मौसम में बीमारियां भी सबसे ज़्यादा हो सकती हैं। मौसम में अचानक आया परिवर्तन आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। बरसात के मौसम में खानपान में थोड़ी सी भी लापरवाही सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है।
ऐसे में यदि थोड़ी सावधानी बरती जाए तो आप खुद को स्वस्थ भी रख सकते हैं और मानसून का पूरा मजा भी उठा सकते है। इस अनहाइजीनिक मौसम में फूड प्लान या डाइट चार्ट बनाना बेहद जरूरी है।
क्यों होती हैं अधिक बीमारियाँ : गर्मी के मौसम के बाद आया मानसून हमें सर्द-गर्म का शिकार बना सक्ता है। पीने के पानी में दूशित पानी की मिलावट से स्वास्थ समस्याएँ हो जाति हैं। कौलेरा, हेपेटाइटिस, डायरिया, टाईफाइड, बैक्टिरियल, वाइरल, फंगल इंफेक्शन आदि बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा मछर मक्खी से भी बीमारियाँ फेलती हैं।
बारिश के मौसम में रहें स्वस्थ : भोजन में किसी भी प्रकार के कच्चे फल सब्ज़ियों को बहुत अच्छी तरह से धो लेने के बाद ही काम में लें। इस मौसम में अक्सर बीमारी पैदा करने वाले कीटानु कच्चे फल सब्ज़ियों में घर कर लेते हैं और यदि हम अच्छी तरह से इनको नहीं धोते तो फूड़ पोइस्निंग हो सकती है।
सबसे ज्यादा बीमारियों की जड़ है पानी साफ दिखने वाला पानी भी कीटानुओं से संक्रमित हो सकता है। इसलिए इस मौसम में पानी उबालकर ठंडा कर लें, फिर प्रयोग करें।
बारिश में शरीर में वात यानी वायु की वृद्धि होती है, इसलिए हल्के व शीघ्र पचने वाले व्यंजन ही खाएं।
साबुत अनाज जैसे जौ, जई, बाजरा, दालों में मूंग, मसूर, चना ऐसे मौसम के लिए उपयुक्तहैं।
पर्वल, लौकी, टिंडा, भिन्डी, करेला, ब्रोकोली, लहसुन, प्याज़, आंवले को खाने शामिलकरें।
मसाले जैसे हल्दी, जीरा, मिर्च, अदरक, हींग, धनिया, आदि हमारे शरीर को इंफेक्शन से बचाते हैं।
पत्तेदार सब्जि़यों वाले खाने से परहेज़ करना अच्छा होता है, क्योंकि इसमें बरसाती कीड़े होजाते हैं जो कि कई बार धोने से भी साफ नहीं होते। इसके अतिरिक्त इनमें सेल्यूलोज़ होता है जो ठीक प्रकार से नहीं पच पाता।
स्ट्रीट फूड व फास्टफूड न खाएं। अगर आप इस प्रकार के खाने के शौकीन हैं तो घर पर ही साफ-सुथरे तरीके से बनी चीजों को खाएं।
बरसात के मौसम में वातावरण में काफी नमी रहती है। जिसके कारण प्यास कम लगती है। लेकिन फिर भी अच्छी मात्रा में पानी और पेय पदार्थों जैसे नारियल पानी, नींबू की शिकंजी, घर में बना मिल्क शेक, आदि का सेवन करना उपयुक्त है।
फलों को साबुत खाने के बजाय सलाद के रूप में लें। क्योंकि इस मौसम में फलों में कीड़ा होने की संभावना काफी अधिक रहती है और अगर आप उन्हें सलाद के रूप में काटकर खाएंगे तो आप यह देख सकेंगे कि कहीं फल भीतर से खराब तो नहीं है। ध्यान रखिये कि कटे हुए और खुले में रखे हुए फलों से हेपेटाइटिस का इंफेक्शन हो सकता है।
यदि पकौडे खाना चाहें तो प्याज, पनीर, आलू, हरी मिर्च, बैगन, आदि कई सब्जियाँ डाल कर ही पकौडे बनाए जिससे सवाद के साथ साथ सेहत में भी योगदान होगा।
कैसा हो डाइट प्लान
ब्रेकफास्ट में गर्मा गरम ग्रीन टी के साथ सब्जी डाल कर बनाएपोहा, उपमा, इडली, ओपन सैंडविच, टोस्ट या परांठे ले सकते है।
मिड मोर्निंग के समय मौसमी फल खाये जा सकते हैं। अमरूद, जामुन जैसे फलों को हमेशा नमक के साथ ही खाएँ। तरबूज, मौसम्मी, खरबूजा, आदि मौसमी फलों से आपको जरूरी पोषक तत्व मिल सकते हैं। इस मौसम में फलों के जूस का सेवन सोच-समझ कर करें।
लंचकि शुरुआत सब्जियों के सूप से किजिये।तले-भुने खाने की बजाय दाल व सब्जी के साथ सलाद और रोटी लें। दही का सेवन भी दिन के समय किया जा सकता है।
शाम को अदरक और तुलसी कि चाय सेहतमंद रहती है। यह चाय सर्दी, जुखाम, हृद्य रोग, आदि के लिए फायेदेमंद रहेगी। बारिश की फुहार मे गर्मा गरम भुट्टे और उससे बने विविध व्यंजन खाने का भी अलग हि मज़ा है जैसे जाजरिया, घुगरि, सिकी हुइ टिक्की, पकौडी, आदि।
डिनर में साधारण चपाती और सब्जी लें। यह जल्दी और आसानि से पच जाता है।
दूध में रोजाना रात को हल्दी या बादाम मिलाकर पीने से पेट और त्वचा दोनों स्वस्थ्य रहेंगे।
इन बातों का भी रखें खयाल
गरिष्ठ भोजन, उड़द, अरहर, चौला आदि दालें कम खाएं। मैदे की चीजें, आइसक्रीम, मिठाई, केला, अंकुरित अनाज आदि कम खायें।
तेज़ नमक वाले और खट्टे व्यंजन गले में खराश और खाँसी जैसी परेशानियाँ पैदा कर सकते हैं।
बारिश के मौसम में स्नैक्स व कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
इस मौसम में सड़कों में कीचड़ और गंदगी का अंबार रहता है। ऐसे में सड़क के किनारे मिलने वाले खाने-पीने चीजों से बच्चों को दूर रखना उचित रहेगा।
भोजन के साथ साथ टहलना, जॉगिंग, वर्काऊट, योगा, मेडीटेशन, आदी मन-शरीर-स्वास्थ के लिए अधिक लाभदायक होते हैं और मानसून की ठंडी हवाओं में इनका आंनद जरूर लें।
साफ सफाई का विशेष खयाल रखें। हाथ धोना, सूखे बर्तन में खाना खाना, फ्रिज़ की बोतलों को नियमित धोना, आसपास पानी जमा नही होने देना, आदि कुछ आसान और जरुरी बातें हैं जिनका सभी को खयाल रखना चाहिये।
(न्यूट्रीशनिस्ट, डीएन एडाइट एक्सपर्टएवं हेल्थ कंसल्टेंट)
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And informative